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नोटबंदी के बाद आज से शुरू हो रहा है सैलरी सप्ताह, कैसे निबटेगी सरकार?

नयी दिल्ली : देशभर में बैंक शाखाओं और एटीएम पर आज से भारी भीड़ उमड़ने की उम्‍मीद है. बैंकबंदी के बाद यह पहली सैलरी का सप्‍ताह होगा. पेंशनभोगियों का पेंशन तकरीबन म‍हीने की अंतिम तारीख को आता है. वहीं सरकारी कर्मचारियों का वेतन भी इसी दिन उनके खाते में ट्रांसफर होता है. कारपोरेट घराने अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2016 9:25 AM

नयी दिल्ली : देशभर में बैंक शाखाओं और एटीएम पर आज से भारी भीड़ उमड़ने की उम्‍मीद है. बैंकबंदी के बाद यह पहली सैलरी का सप्‍ताह होगा. पेंशनभोगियों का पेंशन तकरीबन म‍हीने की अंतिम तारीख को आता है. वहीं सरकारी कर्मचारियों का वेतन भी इसी दिन उनके खाते में ट्रांसफर होता है. कारपोरेट घराने अपने कर्मचारियों को एक से पांच तारीख के बीच वेतन का भुगतान करते हैं. बैंकों में अभी भी कैश की किल्‍लत है. आरबीआई ने भी नियमों में कड़ाई करते हुए कहा है कि सैलरीपेशा लोग एक बार में अपनी पूरी सैलरी नहीं निकाल सकेंगे.

निकासी की सीमा 24000 रुपये है. इस प्रकार जिनकी सैलरी 24000 रुपये से ज्‍यादा होगी वे एक सप्‍ताह में केवल 24000 रुपये ही निकासी कर पायेंगे. 24000 से कम सैलरी पाने वाले कर्मचारी पूरी सैलरी निकाल सकेंगे. बैंकों ने अपने 70 फीसदी एटीएम को नये नोटों के हिसाब से सेट कर लिया है. इससे कुछ भीड़ एटीएम में भी लगी रहने की उम्‍मीद है. हालांकि एटीएम से एक दिन में केवल 2500 रुपये ही निकाले जा सकेंगे.

आरबीआई अधिकारियों के साथ नोटबंदी के बाद कई बैठकों में शामिल हो चुके एक बैंकर का कहना है कि हमने रिजर्व बैंक को बताया कि हमें पर्याप्त कैश नहीं मिल रहा है. इस पर हमसे कहा गया कि कैश की राशनिंग जारी रहेगी. आरबीआई का मानना है कि प्रधानमंत्री का तुरंत ‘कम-कैश सोसायटी’ और आगे चलकर ‘कैशलेस सोसायटी’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए नकदी की सप्लाई कम रखना जरूरी है. रिजर्व बैंक स्थिति को काबू में रखने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है.

बैंकरों का कहना है कि केंद्रीय बैंक ने नोटों की आपूर्ति तेज कर दी है. 10 नवंबर से 25 नवंबर के बीच रिजर्व बैंक ने 2 लाख करोड़ रुपये के नये नोट बैंकों पास भेजे हैं. लेकिन नोटों की किल्लत से घबराये लोगों ने आम तौर पर निकासी कर रकम अपने घरों में रख ली है, जिसकी वजह से कमी और भी महसूस हो रही है. नोटबंदी के 21 दिन बाद भी कई एटीएम खाली हैं. केंद्र और राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के खातों में एक दिसंबर को वेतन का पैसा डालेंगी. अकेले केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 50 लाख है. वहीं पेंशनभोगियों की संख्या 58 लाख है.

बैंक अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने गैर राजपत्रित कर्मचारियों को पिछले सप्ताह वेतन में से 10,000 रुपये अग्रिम में दिए हैं जिससे कुछ राहत की उम्मीद है. बैंकों में नकदी की कमी है, एटीएम खाली हैं. ऐसे में बैंकरों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में उन्‍हें भारी भीड़ से निपटना होगा. कई बैंकों ने रिजर्व बैंक से दिसंबर के शुरुआती कुछ दिनों में अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराने को कहा है.

रिजर्व बैंक ने निकासी नियमों में दी ढील, रिटेलरों से अपनी नकदी जमा कराने को कहा

रिजर्व बैंक ने मॉल और दुकान मालिकों से अपनी रोजाना की नकदी को बैंकों के पास जमा कराने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उन्‍हें अपनी जमा की गयी राशि 2,000 और 500 रुपये के नोट में निकालने की अनुमति होगी, बेशक मौजूदा निकासी की सीमा कुछ भी हो. इस कदम का मकसद नये वैध करेंसी नोटों की जमाखोरी को रोकना है, जिससे नकदी संकट को खत्म किया जा सके.

एक अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसा सामने आया है कि कुछ जमाकर्ता मौजूदा निकासी की सीमा की वजह से अपना पैसा बैंक खातों में जमा कराने से हिचकिचा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि करेंसी नोटों को बाजार में लाने के लिए सावधानी से विचार विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है कि 29 नवंबर या उसके बाद वैध नोटों में की गयी जमा को मौजूदा निकासी सीमा से आगे भी निकालने की अनुमति होगी. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस तरह की निकासी के लिए ऊंचे मूल्य यानी 2,000 और 500 के नोट जारी किये जायेंगे.

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