जेटली ने गिनाये नोटबंदी के फायदे , कहा – देश में सब बदल गये, सिवाय नेता व मीडिया के
भुवनेश्वर : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि नोटबंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) दोनों कदमों को भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने वाली पहल बताया. उल्लेखनीय है कि सरकार की एक अप्रैल से देश में जीएसटी व्यवस्था लागू […]
भुवनेश्वर : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि नोटबंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) दोनों कदमों को भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने वाली पहल बताया. उल्लेखनीय है कि सरकार की एक अप्रैल से देश में जीएसटी व्यवस्था लागू करने की योजना है.
जेटली आज यहां ‘‘मेक इन ओडिशा’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने ‘भारतीय अर्थव्यवस्था : नये आदर्श ‘ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि इस देश में नेता व मीडिया नहीं बदले, इसके अलावा सब बदल गये. जेटली ने कहा कि मीडिया सिर्फ हर परिस्थिती के कठोर हिस्से को दिखाती है. इसके समाजिक -आर्थिक आयामों को नहीं दिखाती.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि (जीएसटी और नोटबंदी) दोनों ही पासा पलटने वाले साबित होंगे. ऐसा इसलिये होगा कि जीएसटी से जहां तक केंद्र की बात है अधिक राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी वहीं राज्यों को भी अधिक राजस्व प्राप्त होगा. यह एक सक्षम कराधान व्यवस्था है. इससे खामियां दूर करने में मदद मिलेगी. इस व्यवस्था से ओडिशा जैसे अधिक खपत वाले राज्यों को भी निश्चित रूप से फायदा होगा.’
नोटबंदी को लेकर मची हायतौबा पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक मुद्रा में किये गये बदलाव की बात है, नोटबंदी की यह प्रक्रिया जैसे ही एक बार पूरी होगी और अर्थव्यवस्था अपनी पूरी गति से आगे बढने लगेगी, उसके बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और कर आधार भी बढेगा.’ वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा के रूप में अधिक धन पहुंचेगा जिसका अर्थव्यवस्था के भले के लिये इस्तेमाल होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मौजूदा प्रयास हालांकि चुनौतीपूर्ण लगते हैं लेकिन दीर्घकाल में ये अर्थव्यवस्था के लिये फायदेमंद होंगे. जीएसटी से पडने वाले असर के बारे में उन्होंने कहा कि अनौपचारिक अर्थव्यवस्था जल्द ही औपचारिक अर्थव्यवस्था में बदल जायेगी और फिर राजस्व प्राप्ति अधिक होगी. कर व्यवस्था की खामियां दूर होंगी.
जेटली ने इस मौके पर ओडिशा जैसे राज्यों का जिक्र करते हुये कहा कि ऐसे राज्य जहां ढांचागत सुविधाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अधिक काम किया जाना है. राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य को विनिर्माण गतिविधियों का केंद्र बनाकर उसके विकास की दिशा में जो प्रयास किये जा रहे हैं, केंद्र सरकार के सुधारों से इन प्रयासों को और बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है. वित्त मंत्री ने ओडिशा के ‘मेक इन ओडिशा’ अभियान में केंद्र की तरफ से पूरा समर्थन देने का वादा किया। उन्होंने ओडिशा की 9 प्रतिशत वृद्धि की सराहना करते हुये कहा कि राज्य के समक्ष चुनौतियां भी हैं तो संपदा का खजाना भी यहां है. गरीबी और बडी जनजातीय आबादी इसके लिये चुनौती है तो दूसरी तरफ खनिज संपदा के क्षेत्र में राज्य धनी है. इसके अलावा राज्य की लंबी तटीय सीमा भी इसके लिये अवसर पैदा करती है.’ उन्होंने, इस बात पर भी गौर किया कि राज्य सरकार ने गरीबी दूर करने को काफी काम किया है. राज्य की वृद्धि दर तेजी से बढ़ी है तो गरीबी स्तर में गिरावट आई है. राज्य की जीडीपी में विनिर्माण का अनुपात यह उंचा है.
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