15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नोटबंदी : अर्थव्यवस्था की समीक्षा के लिए RBI के गर्वनर को बुलायेगी संसद की लोक लेखा समिति

नयी दिल्ली: संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव की समीक्षा के लिये जनवरी में रिजर्व बैंक गवर्नर और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के.वी. थॉमस की अध्यक्षता वाली पीएसी के सदस्यों ने आज सर्वसम्मति से यह फैसला किया. […]


नयी दिल्ली
: संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव की समीक्षा के लिये जनवरी में रिजर्व बैंक गवर्नर और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के.वी. थॉमस की अध्यक्षता वाली पीएसी के सदस्यों ने आज सर्वसम्मति से यह फैसला किया. समिति ने फैसला किया है कि जनवरी में वह अर्थव्यवस्था की समीक्षा के लिये रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लावसा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को अपने समक्ष बुलायेगी. थॉमस ने बैठक के बाद पीटीआई को बताया, ‘‘पीएसी की बैठक में आज हमने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है कि जनवरी के पहले या फिर दूसरे सप्ताह में हम रिजर्व बैंक गवर्नर, आर्थिक मामलों के सचिव और वित्त सचिव को नोटबंदी के बाद आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के लिये अपने समक्ष बुलायेंगे.

” उन्होंने कहा कि इसके लिये तिथि रिजर्व बैंक गवर्नर की उपलब्धता को देखते हुये तय की जायेगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट चलन से वापस लेने की घोषणा की. विभिन्न अनुमानों के मुताबिक नोटबंदी की वजह से चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: की वृद्धि दर कम रह सकती है. हालांकि, विभिन्न अनुमानों में वृद्धि दर 0.5 से लेकर 2 प्रतिशत तक कम रहने की बात कही गई है.

जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकडे जारी होने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कल कहा, ‘‘हमारे पास पहली छमाही के वास्तविक आंकडे अब उपलब्ध हैं. इनसे अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के मजबूत होने का पता चलता है. पर दूसरी छमाही के लिये हमें इंतजार करना होगा, इस मामले में अभी काफी अनिश्चितता है. हमें कुछ भी कहने से पहले स्थिति की समीक्षा करनी होगी।” चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही है. पहली तिमाही में यह 7.1 प्रतिशत रही थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में सरकार के नोटबंदी के कदम को प्रबंधन की बडी विफलता करार देते हुये कहा कि इससे जीडीपी वृद्धि में दो प्रतिशत तक कमी आ सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें