नयी दिल्ली : नोटबंदी और आम लोगों को हो रही समस्याओं पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुरक्षा में नोटों की छपाई करने में समय लगता है, आरबीआई नोट जारी करने का काम कार्यान्वित कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा, कारोबार और व्यापार बढ़ेगा लेकिन उसमें इस्तेमाल होने वाली नकदी का स्तर घटेगा. देश ने नोटबंदी का आम तौर पर स्वागत किया है, इस तिमाही में प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है, इसका असर जरुर होगा लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं रहेगा.
अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के असर के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि रबी की बुवाई पिछले साल से अधिक है, वाहनों की बिक्री का रुझान मिला जुला है. भारत पिछले साल की तरह इस साल भी दुनिया की सबसे तीव्र रफ्तार से वृद्धि कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्था हो सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से थोड़ी उथल-पुथल हो सकती है लेकिन दीर्घकालीन लाभ होंगे.
जीएसटी के सवाल पर जेटली ने कहा कि संविधान संशोधन के अनुसार, जीएसटी को लागू करने में ज्यादा देर नहीं की जा सकती. 16 सितंबर 2016 को हुये संविधान संशोधन के मुताबिक मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को वर्ष के दौरान चलाया जा सकता है, लेकिन इसमें किसी तरह की देरी का मतलब होगा 17 सितंबर, 2017 से कोई कर नहीं.
जेटली ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी दोनों ही अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने वाले होंगे, लेकिन सुधारों का विरोध करने वाले राज्यों को लेकर निवेशक सतर्कता बरतेंगे. 16 सितंबर 2017 से पहले जीएसटी लागू करना संवैधानिक बाध्यता है. जेटली ने कहा कि अब से एक वर्ष में भारत ऊंची जीडीपी वाली साफ सुथरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी जिसमें ब्याज दरें भी तर्कसंगत होंगी.
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