नकदरहित भुगतान में स्वीडन है सबसे आगे, भारत में केवल 10% लोग करते है कैशलेस पेमेंट
नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से देश में डिजिटल भुगतान को बढावा दिए जाने पर जोर देने के बीच अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने एक अध्ययन के आधार पर आज कहा कि देश में मात्र दस प्रतिशत जनसंख्या ही नकदी रहित भुगतान करती है जबकि करीब 96 प्रतिशत लेन-देन नकद […]
नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से देश में डिजिटल भुगतान को बढावा दिए जाने पर जोर देने के बीच अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने एक अध्ययन के आधार पर आज कहा कि देश में मात्र दस प्रतिशत जनसंख्या ही नकदी रहित भुगतान करती है जबकि करीब 96 प्रतिशत लेन-देन नकद में होता है.
कैट ने छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को डिजिटल लेन देन के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से यहां दो दिवसीय ‘लैस कैश इंडिया महासम्मेलन-2016′ आयोजित किया है. सम्मेलन के पहले दिन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत मूलत: एक नकदी आधारित अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कार्ड से भुगतान सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी मास्टरकार्ड के साथ कैट के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि भारत में अभी केवल 10 प्रतिशत जनसंख्या ही नकदी रहित भुगतान करती है. जबकि स्वीडन में यह आंकडा 97 प्रतिशत, बेल्जियम में 93 प्रतिशत, फ्रांस में 92 प्रतिशत, कनाडा में 90 प्रतिशत और इंग्लैंड में 89 प्रतिशत है.
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