भारतीय के सामने आते ही गूगल ने मानी हार
न्यूयॉर्क:पिछले वर्ष सितंबर में नोकिया का अधिग्रहण करने वाली माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन अब एन्ड्रॉयड आधारित फोन लॉन्च करेगी. ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने दावा करते हुए कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने खुद के विंडोज प्लेटफॉर्म के बजाय गूगल के एन्ड्रॉयड को नोकिया के ओएस के रूप में चुना है. उल्लेखनीय है कि कंपनी ने नोकिया का अधिग्रहण […]
न्यूयॉर्क:पिछले वर्ष सितंबर में नोकिया का अधिग्रहण करने वाली माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन अब एन्ड्रॉयड आधारित फोन लॉन्च करेगी. ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने दावा करते हुए कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने खुद के विंडोज प्लेटफॉर्म के बजाय गूगल के एन्ड्रॉयड को नोकिया के ओएस के रूप में चुना है. उल्लेखनीय है कि कंपनी ने नोकिया का अधिग्रहण विंडो बेस्ड फोन का निर्माण करने के लिए किया था. इसके लिए कंपनी ने 7.2 बिलियन डॉलर की राशि मोबाइल कंपनी के अधिग्रहण के लिए खर्च की थी. सबसे रोचक बात यह है कि गूगल अब इस क्षेत्र से बाहर निकल रहा है. पिछले वर्ष ही गूगल ने मोबाइल मार्केट में अपनी पैठ बनाने के लिए मोटोरोला को खरीदा था, जिसे उसने पिछले महीने चीन की लेनोवो को 2.91 बिलियन डॉलर में बेच दिया है.
कंपनी ने यह फैसला अपने नये सीइओ सत्या नडेला के हाथों में कंपनी की कमान जाने के बाद किया है. मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार गूगल अपने बनाये स्मार्टफोन ओएस एन्ड्रॉयड के दम पर स्मार्टफोन मार्केट में खासी बढ़त बनाये हुए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर एप्पल है. ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट का एन्ड्रॉयड को अपने फोन के ओएस के रूप में चुनना गूगल की जीत सुनिश्चित करता है. स्मार्टफोन मार्केट के पिछले कुछ वर्षों पर यदि नजर डाली जाये, तो किसी समय में मोबाइल फोन की अगुवाई करने वाले नोकिया और ब्लैकबेरी अब मोबाइल बाजार से आउट होते जा रहे हैं. सैमसंग और एप्पल नये युग के सबसे विश्वस्त इंटेलीजेंट डिवाइस के रूप में उभरे हैं. ऐसे में माइक्रसॉफ्ट के अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि एन्ड्रॉयड आधारित फोन कंपनी की बिक्री बढ़ाने में काफी मददगार साबित होंगे.
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