मुंबई : वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से रिजर्व बैंक आज मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में संभवत: 0.25 प्रतिशत कटौती की घोषणा कर सकता है. विश्लेषकों ने यह अनुमाल लगाया है. ज्यादातर विश्लेषकों और बैंकरों का मानना है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी. हालांकि, कुछ का मानना है कि नीतिगत दरों में आधा प्रतिशत की कटौती भी हो सकती है.
एचडीएफसी बैंक ने एक नोट में कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर है. रिजर्व बैंक संभवत: नीतिगत दरों में अधिक कटौती करने से बचेगा. विदेशी ब्रोकरेज बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने कहा कि नोटबंदी के झटके को कुछ हल्का करने के लिए रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा. बोफा-एमएल ने जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 7.7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है.
मंगलवार को शुरू हुई है मौद्रिक नीति समिति की बैठक
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई है. रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी की यह दूसरी बैठक है. पहली बैठक अक्तूबर में हुई थी तब भी समिति ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का फैसला किया था. जनवरी 2015 के बाद से रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है. नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा है.
सरकार ने गत आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की. स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा, ‘कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योकिंग एमपीसी को अब फैसला करना है. हो सकता है 0.25 से 0.50 प्रतिशत तक कटौती हो, हर कोई इसकी उम्मीद कर रहा है लेकिन यदि कोई कटौती नहीं होती है तो यह बडा आश्चर्य होगा.’
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