मुंबई : बंबई शेयर बाजार में पिछले दो दिन से जारी तेजी पर आज विराम लग गया . सेंसेक्स 156 अंक की गिरावट के साथ 26,237 अंक पर बंद हुआ. बाजार उम्मीद के विपरीत रिजर्व बैंक के नीतिगत ब्याज दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखने के बीच यह गिरावट आयी. नोटबंदी के बाद यह पहली मौद्रिक नीति समीक्षा थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपनी दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया. साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 7.6 प्रतिशत से कम कर 7.1 प्रतिशत कर दिया. उसने कहा कि नोटबंदी के कारण अल्पकाल में आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने तथा मांग में कमी से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम है. तीस शेयरों वाला सूचकांक 155.89 अंक या 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,236.87 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 26,540.83 से 26,164.82 अंक के दायरे में रहा.
पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 162.10 अंक मजबूत हुआ था. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 41.10 अंक या 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,102.05 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 8,077.50 से 8,190.45 अंक के दायरे में रहा. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद अमेरिकी डालर के मुकाबले रपया भी शुरुआती बढत को बरकरार नहीं रख पाया और कारोबार के दौरान लगभग स्थिर स्तर पर पहुंच गया। इससे भी धारणा प्रभावित हुई. रिजर्व बैंक के फैसले से ब्याज दर से जुडे एसबीआई, एसडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक तथा एक्सिस बैंक के शेयरों में दो प्रतिशत तक गिरावट आयी.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में 25 नुकसान में जबकि अडाणी पोर्ट, एचडीएफसी लि., हीरो मोटो कार्प, टाटा मोटर्स तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा बढत के साथ बंद हुए. जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें सन फार्मा, (596 प्रतिशत), टीसीएस (1.47 प्रतिशत), टाटा स्टील (1.40 प्रतिशत), ल्यूपिन (1.33 प्रतिशत), आईटीसी लि. (1.17 प्रतिशत) तथा विप्रो (0.06 प्रतिशत) शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई इंडेक्स तथा हांगकांग का हैंगसेंग बढत के साथ बंद हुए। यूरोप के प्रमुख बाजार जर्मनी तथा फ्रांस के प्रमुख शेयर बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में तेजी रही.
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