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क्या रिजर्व बैंक ने दो बार गिन लिए नोट? जानें क्यों उठ रहे हैं सवाल

नयी दिल्ली: 8 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से लोगों ने भारी मात्रा में नकदी बैंकों में जमा किए जिसे बैंकों ने आरबीआई को सौंप दिया है. लेकिन यहां बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर बैंकों में जमा हुई कुल नकदी कितनी है? आरबीआई […]

नयी दिल्ली: 8 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से लोगों ने भारी मात्रा में नकदी बैंकों में जमा किए जिसे बैंकों ने आरबीआई को सौंप दिया है. लेकिन यहां बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर बैंकों में जमा हुई कुल नकदी कितनी है?

आरबीआई के डेटा की माने तो यह राशि करीब 11.5 लाख करोड़ है, लेकिन एसबीआई ने विशेषतौर पर इंटरबैंकिंग जमा और वापस लिए गए नोटों की संख्या को दो बार गिन लेने की संभावना जतायी है. इस संबंध में इकोनॉमिक टाइम्स ने खबर दी है. खबर के मुताबकि एसबीआई, जो एक दैनिक आधार पर अपने संग्रह आंकड़ों को जारी किया करता था उसने इस हफ्ते ये आंकड़े रिलीज नहीं किए हैं. बताया जा है कि उसका मानना यह आंकड़े अंतरबैंक जमा और लीगल नोटों की संख्या की सही तस्वीर सामने नहीं रख पाते हैं.

10 नवंबर के बाद से बैंक की ओर से एकत्रित किया गया शुद्ध जमा 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. एसबीआई की चेयरमैन अरूंधती भट्टाचार्या ने इस संबंध में जानकारी दी कि हम नंबर जारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि नोटों को दो बार गिन लिए जाने की आशंका है. पोस्ट ऑफिस और कोऑपरेटिव बैंक भी हमारे साथ जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि हमने जमा के रुप में नए नोट प्राप्त करना शुरू कर दिया है. भट्टाचार्या ने कहा कि आरबीआई के नंबर पर किसी भी तरह की टिप्पणी करना संभव नहीं था क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं थी.

आरबीआई की रिसर्च विंग ने ऐसी संभावना व्यक्त की है कि बैंक में जमा हुई 10 से 15 फीसदी नकदी की दो बार गिनती हुई होगी. मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के इतर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने जानकारी दी थी कि बैंकों के पास पहुंची कुल नकदी की संख्या 11.5 लाख करोड़ के स्तर को पार कर चुकी है. इसका अर्थ यह है कि 14.95 लाख करोड़ की पुरानी नकदी जो बाजार में थी वो बैंकों में वापस पहुंच चुकी है.

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