नयी दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व प्रख्यात अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री की फिर आलोचना की. उन्होंने अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द हिंदू’ में लेख लिखकर कहा कि केंद्र सरकार की नोटबंदी के फैसले से देश के आमलोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश के करोड़ों लोगों का विश्वास टूटा है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि आम धारणा है कि पैसे से लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है, लेकिन केंद्र सरकार के आधी रात के इस फैसले से 85 प्रतिशत से ज्यादा मुद्रा बेकार हो गयी. अचानक से लिये गये इस फैसले से एक झटके में लोगों का विश्वास टूट गया. वे अपनी मेहनत से कमाई गयी पैसे पर भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं.उन्होंने कहा कि यह फैसला खासतौर से उन लोगों के लिए झटका है जो ईमानदार हैं और मेहनत -मजदूरी करके पैसा कमाते है. 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग जीवन -यापन के लिए कैश का इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने कहा भारत में औद्योगिक उत्पादन घट चुका है, नौकरियों का सृजन नहीं हो रहा है. इन परिस्थितियों में इस तरह का फैसला लेना कहीं से भी उचित नहीं जान पड़ता है. मनमोहन सिंह ने कहा कि इसका असर हमारे जीडीपी पर पड़ेगा. कालेधन का केवल छोटा सा हिस्सा ही कैश के रूप में हैं. ब्लैकमनी को लैंड , रियल इस्टेट व ज्वैलरी में लगाया गया है.
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