अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर बढाई, दुनिया भर के बाजार गिरे, भारत पर भी दिखेगा असर
वॉशिंगटन : अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को उम्मीद के मुताबिक न्यूनतम ब्याज दर में चौथाई अंक की वृद्धि की जिसका दुनिया भर के बाजार में असर दिख सकता है. डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पहली नीतिगत बैठक के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार होने का हवाला देते हुए ब्याज दर बढाई गयी […]
वॉशिंगटन : अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को उम्मीद के मुताबिक न्यूनतम ब्याज दर में चौथाई अंक की वृद्धि की जिसका दुनिया भर के बाजार में असर दिख सकता है. डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद पहली नीतिगत बैठक के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार होने का हवाला देते हुए ब्याज दर बढाई गयी है. बुधवार को की गयी इस वृद्धि का असर दुनिया भर के बाजारों में दिख रहा है. इस वृद्धि के बाद अमेरिकी शेयर बाजार दाव जोन भी 125 अंक तक टूटा. आज सुबह ज्यादातर एशियाई बाजारों पर इसका असर दिख रहा है. ऐसे में भारतीय बाजार पर भी आज इसका निगेटिव असर पड़ेगा.
आज एसजीएक्स निफ्टी में भी 0.75 प्रतिशत की गिरावट शुरुआती सत्र में ही देखने को मिली. इसके अलावा संघाई व हांगकांग के बाजार में भी गिरावट दिख रही है.
नीति बनाने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने मुख्य फेडरल दरों में 0 . 5 से 0 . 75 फीसदी तक बढोतरी का सर्वसम्मति से निर्णय किया,हालांकि कहा गया किइससे अर्थव्यवस्था ‘‘धीरे-धीरे’ आगे बढेगी. अमेरिका की विकास दर वर्तमान में तीन प्रतिशत से कम है और ब्याज दरों में वृद्धि से वहां की इकोनॉमी में सुधार आती है, तो दुनिया भर के देशों को आने वाले दिनों में इसका लाभ होगा.
0.25 से 0.5 फीसदी की पूर्ववर्ती रेंज से दर बढोतरी दिसंबर 2015 के बाद पहली बार और एक दशक में दूसरी बार हुई है. फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि अगले साल दो से तीन बार ब्याज दरें बढाई जा सकती है. साथ ही 2018 व 2019 में भी ब्याज दरें बढेंगी.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने की आशंका को लेकर ही विदेश संस्थागत निवेशक लगातार भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बेच रहे थे. इसका एक दूसरा कारण विमुद्रीकरण भी है. यूएस फेड के इस फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में मजबूती आयेगी.
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के दस्तावेजों में कहा गया है कि 2017 में अमेरिका के जीडीपीमें 2.1 प्रतिशत, 2018 में 2.00 प्रतिशत व 2019 में 1.9 प्रतिशतवृद्धिहोगी.
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