नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आजफिक्की के सालाना वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए विमुद्रीकरण को जहां देश के लिए आवश्यक बताया, वहीं जीएसटी के मुद्दे पर उम्मीद जतायी किइस विधेयक के पारित हो जाने के बाद उसे लागू करने में कोई बड़ी बाधा नहीं आयेगी. वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि भारत के पास नोटबंदी पर फैसला लेने की क्षमता है, अब यहां की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं है. नए नोट के पूरी तरह से आने की प्रक्रिया में बहुत लंबा समया नहीं लगेगा, आरबीआई बहुत जल्दी इसे पूरा करने में सक्षम हो जाएगा. अगर हम कम समयावधि की असुविधाओं को सहन कर लेते हैं तो दीर्घकालिक लाभ बहुत स्पष्ट है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर कहा कि संसद व राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक का अभी मसौदा तैयार किया जा रहा है. आदर्शरूप में जीएसटी एक अप्रैल 2017 से शुरू होना चाहिए था, नए कानून को अप्रैल और 16 सितंबर के बीच प्रभावी होना संवैधानिक अनिवार्यता है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में जो छोटी-मोटी दिक्कतों को दूर कर लिया जायेगा. मालूम हो कि अगले सप्ताह जीएसटी काउंसिल की बैठक प्रस्तावित है. जेटली ने कहा किबिलके संदर्भ में दस महत्वपूर्ण निर्णय आपसी सहमति से लिये जा चुके हैं.जेटलीने जीएसटी को पारित किये जाने कोदेशकीएक बड़ी उपलब्धि बताया अौर कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहा है.
जेटली ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के बीच खत्म हो चुका है और जीएसटी को लेकर आशंकाएं जतायी जा रही है.खत्म हुए सत्र में कई अहम विधायी कार्य नहीं किये जा सके.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों व भ्रष्टाचार के लिए उठाये गये कदमों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि पिछले एक सरकार ने कई बड़े कदम उठाये हैं.
जेटलीने कहा कि हमारी सरकार ने बड़े मूल्यकेपुराने नोटों कोबंदकरनेका एक साहसपूर्ण कदम उठाया है. जेटली ने कहा कि हमारी सरकार ने बैंक करप्सी बिल पारित किया.वित्तमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सब्सिडी वितरण के लिए लक्ष्य तय किये हैं और इसको वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंचाने की योजना पर कार्य किया. उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए आधार का प्रयोग किया, ताकि लाभ उसे मिले जो उसका वास्तविक हकदार है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस दौरान ब्रेक्जिट की वोटिंग की चर्चा करते हुए कहा कि यह फैसला बहुतों के लिए चौंकाने वाला था कि एक परिपक्व लोकतंत्र क्या इस तरह से वोट कर सकता है. उन्होंने अमेरिका चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि रिब्लिकन पार्टी ट्रेड फेंडली पार्टी है.
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