नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज रात कहा कि अगर कोई एक बार में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा करता है तो कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा लेकिन बार-बार पैसा जमा करने पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को जमा करने संबंधी नियम कड़े किये जाने के बाद उन्होंने यह बात कही.
कुल 15.4 लाख करोड रुपये मूल्य के 500 और 1,000 रुपये में से करीब 13 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा होने के साथ सरकार ने आज नियम में बदलाव किया. इसके तहत कोई व्यक्ति 30 दिसंबर तक 5,000 रुपये से अधिक पुराने नोट एक बार ही जमा कर सकता है लेकिन इसके लिये उन्हें यह बताना होगा कि अबतक उन्होंने इसे क्यों नहीं जमा किया था.
इस कदम के पीछे के तर्क के बारे में बताते हुए जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ क्षेत्रों एवं जन-उपयोगी सेवाओं के लिये पुराने नोट स्वीकार किये जाने को लेकर जो छूट दी गयी थी, वह पिछले सप्ताह समाप्त हो गया और जिनके पास भी पुराने नोट थे, माना जा रहा है, उन्होंने उसे बैंकों के पास जमा करा दिया.उन्होंने कहा, ‘‘जिसके पास भी पुराने नोट है, उसे उस नोट के जरिये लेन-देन की अनुमति नहीं है. वे केवल उसे बैंक में ही जमा कर सकते हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘लेकिन अगर वे हर दिन जाते हैं और कुछ मुद्रा जमा करते हैं, व्यक्ति एक ही है, इससे यह संदेह होता है कि आखिर वह कहां से मुद्रा प्राप्त कर रहा है. ऐसे में व्यक्ति के लिये कुछ चिंता की वजह है. इसीलिए प्रत्येक को सलाह दी जाती है कि आपके पास जो भी मुद्रा है, आप उसे बैंक में जमा कराइये.” बैंकों में कतार कम करने के लिये पाबंदी वाले नोट रखे लोगों को एक बार में सारी मुद्रा जमा करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा न कि वे इसके लिये बार-बार बैंकों में जाएं.उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे बैंक जाकर कोई भी राशि जमा करते हैं, कोई भी उनसे सवाल नहीं पूछने जा रहा है और इसीलिए 5,000 रुपये की सीमा उन पर लागू नहीं होगी बशर्तें वे उसे एक बार में जमा करे
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