जब आप बीज बोते हैं तो तीन साल तक पेड़ नहीं देखते : सुरेश प्रभु
नयी दिल्ली : भारतीय रेलवे से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष 2016 में रेलवे को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की. इनमें रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से लेकर ट्रेनों की स्पीड़ बढ़ाने तक की बात शामिल है. साल 2016 में पटरियां बिछाने की काम में तेजी आयी लेकिन सुरक्षा […]
नयी दिल्ली : भारतीय रेलवे से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष 2016 में रेलवे को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की. इनमें रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने से लेकर ट्रेनों की स्पीड़ बढ़ाने तक की बात शामिल है. साल 2016 में पटरियां बिछाने की काम में तेजी आयी लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह साल खराब रहा है. रेलवे के मौजूदा परियोजनाओं पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा ‘‘’, ‘‘’जब आप बीज बोते हैं तो आप तीन वर्ष तक पेड़ नहीं देखते. लेकिन अचानक अंकुर फूटते हैं और फिर पेड़ निकलता है तथा यह तेजी से बढता है. रेलवे के साथ बिल्कुल यही हो रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जो कर रहे हैं वे ढांचा संबंधी मौलिक पहल हैं जो आधारभूत ढांचा तैयार करेंगी. हम ईआरपी शुरू कर रहे हैं, जो नये क्षमता मानक, नये अवसर के साथ लेखा संबंधी सुधार करेंगे इसे हमने इस साल शुरु किया है.’ देशभर में विशाल स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रमों तथा बड़े स्तर पर गैर किराया राजस्व बढाने के संदर्भ में प्रभु ने कहा कि बीते दो वर्ष में पूंजीगत व्यय बहुत बढ गया है.
सुरक्षा के लिहाज से देखा जाये तो रेलवे के लिए यह वर्ष मुश्किलों भरा रहा. उसे राजस्व की भारी कमी तथा खर्चे की चुनौतियों का सामना करना पडा. कानपुर हादसे ने रेलवे की सुरक्षा दावों की पोल खोल दी. यह दशकों में सबसे भीषण हादसा था जिसमें 150 से ज्यादा जानें गईं. वर्ष 2016 को सरकार द्वारा अलग रेल बजट पेश करने की प्रथा को खत्म करने, रेलवे द्वारा अपने संचालन में जवाबदेही तय करने के उद्देश्य के लिए अपने प्रशासन में पुनर्निर्माण में बहुप्रतीक्षित बदलाव करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए भी याद रखा जाएगा. इस साल महामान्य एक्सप्रेस, गतिमान एक्सपे्रस और हमसफर एक्सप्रेस जैसी नई श्रेणी की रेलसेवाएं शुरू की गईं जिन्होंने ट्रेनों में यात्रियों के यात्रा अनुभव को पुन:परिभाषित किया.
राजस्व कमाई में 14 हजार करोड़ रुपये की कमी
वर्ष 2016 कम लोडिंग मांग और यात्री बुकिंग में कम वृद्धि के कारण कुल राजस्व कमाई में करीब 14 हजार करोड़ रुपये की कमी आई तथा यात्री श्रेणी में क्रास सब्सिडी 33 हजार करोड़ रुपये तक पहुंची तथा वेतन आयोग प्रतिबद्धताएं 32 हजार करोड़ रुपये रहने की संभावना है.इस साल के दौरान रेलवे के लिए मुश्किल बाजार स्थितियों को स्वीकार करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, ‘‘2016 मुश्किल वर्ष थे. मालभाडे के संदर्भ में यह मुश्किल वर्ष था. कोयला, स्टील, सीमेंट, लौह अयस्क सभी प्रमुख क्षेत्रों में रेलवे को कम मांग से जूझना पड़ा’ उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे पर वेतन बोझ जैसे कई मुद्दे हैं. व्यय पहले से निर्धारित है इसलिए हम इस पर कुछ नहीं कर सकते. राजस्व पांच सामानों पर निर्भर है. इसलिए खर्चा रेलवे के लिए चुनौती है. हम 2017 में इन चुनौतियों पर और ज्यादा गौर करना शुरू करेंगे.’
हालांकि, प्रभु ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद रेलवे 1 . 2 अरब माल ढोने को तैयार है. पहली बार रेलवे ने मांग से पहले यह क्षमता विकसित की है. हालांकि, कानपुर के पुखरायां में इंदौर पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे 21 नवंबर की सुबह पटरी से उतर जाने से 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक यात्री घायल हो गये. इस घटना ने सुरक्षा दावों की पोल खोली और रेल आधारभूत ढांचे के उन्नयन एवं इसे मजबूत करने के लिए पृथक सुरक्षा कोष की तत्काल जरुरत को रेखांकित किया.
रेलवे सुरक्षा आयोग ने अब तक इस संबंध में जांच रिपोर्ट नहीं दी है, दुर्घटना के पीछे के संभावित कारण रेल पटरी टूटना पटरियों के खराब रखरखाव को दर्शाता है.कानपुर हादसे को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए प्रभु ने कहा, ‘‘हम सुरक्षा कोष पर काम कर रहे हैं. हम इसे 2016 में पूरा नहीं कर पाए. 2017 में हम सुरक्षा कोष शुरू करेंगे. हमने वित्त मंत्री के साथ पहले ही कई बैठकें की हैं. मैं सहयोग करने के लिए वित्त मंत्री का धन्यवाद देता हूं और प्रधानमंत्री भी इस पहल का समर्थन करने के लिए बहुत इच्छुक हैं.’ वर्ष 2017 के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियों के बावजूद हमने 2016 में कई पहल कीं जो बाद में लाभदायक होंगी. वर्ष 2017 में हम हमारे द्वारा शुरु की गई पहलों पर प्रगति पर नजर बनाए हुए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूंजीगत व्यय इस साल 30 हजार करोड़ रुपये से बढाकर 40 हजार करोड रुपये कर दिया है और अगले वर्ष हमारा लक्ष्य डेढ लाख करोड रुपये का आंकडा छूने का है.’ प्रभु ने कहा कि 2016 को रेल विकास शिविर के लिए भी याद रखा जाएगा जिसमें कई विचार पैदा हुए. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूंजीगत व्यय इस साल 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये कर दिया है और अगले वर्ष हमारा लक्ष्य डेढ़ लाख करोड रुपये का आंकडा छूने का है.’ प्रभु ने कहा कि 2016 को रेल विकास शिविर के लिए भी याद रखा जाएगा जिसमें कई विचार पैदा हुए
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