नये वर्ष में पहली जनवरी से हॉलमार्क ज्यूलरी के कैरेट की पहचान आसान हो जायेगी. हालांकि हॉलमार्क अब सिर्फ 14,18 और 22 कैरेट के सोने पर ही नजर आयेगा. एक अंगरेजी अखबार के अनुसार ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने हॉलमार्क गाइडलाइंस में तीन अहम बदलाव किये हैं, जो एक जनवरी से लागू होंगे. लेकिन हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने के मुद्दे पर सरकार ने फिलहाल कदम पीछे खींच लिया है.
मंगलवार को बीआइएस की ओर से जारी नये हॉलमार्किंग नॉर्म्स में कहा गया है कि सोने की हॉलमार्किंग सिर्फ तीन कैटेगरी में होगी यानी 14,18 और 22 कैरेट के गहनों पर ही हॉलमार्क लगाया जायेगा. अब तक नौ,16,17,19,20,21 और 23 कैरेट के गहनों पर ही हॉलमार्क लगता था. दूसरे बदलाव के तहत आभूषण पर फिटनेस मार्क के साथ कैरेट संख्या भी दर्ज होगी. मसलन, 22 कैरेट के सोने पर अब तक 916 लिखा होता था, जबकि अब 22के916 लिखा होगा. इसी तरह 18 कैरेट के सोने पर 18के 750 और 14 कैरेट के लिए 14के585 दर्ज होगा. तीसरे बदलाव के तहत हॉलमार्किंग से गहने के मैन्युफैक्चरिंग वर्ष को हटा दिया गया.
पूरे साल सोने में उठापटक
सोना-चांदी ने गंवाई शुरुआती तेजी, गिरावट से निवेशक हैरान
मुंबई: वर्ष 2016 सोने में मजबूती के साथ शुरू हुआ. यह निवेशकों की पहली पसंद बना रहा, लेकिन साल समाप्त होते-होते इसकी चमक अचानक गायब होने लगी. वैश्विक घटनाक्रमों को देखते हुए इसमें अगले साल का परिदृश्य भी धूमिल नजर आने लगा. दुनिया में आर्थिक अनिश्चतता बढ़ने के साथ सबकी नजरें सोने के निवेश पर लगी रहीं. सोने के निवेशकों के लिए तसल्ली इस बात की रही कि साल दर साल आधार पर प्रतिफल कुल मिलाकर सकारात्मक रहा. वर्ष के आखिरी दिनों में सोना पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत और चांदी करीब 18 प्रतिशत ऊंची रही.
तीन कारणों से भी पड़ा सोने पर असर
1 अमेरिका में ट्रंप की जीत, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने से सोने की चमक फीकी पड़ने लगी.
2 सरकार द्वारा नोटबंदी के तहत 500 और 1,000 के नोट बंद करने से कैश की किल्लत हुई
3 कीमती धातुओं की मांग घटी और सोना दो महीनों में 40% लुढ़क गया.
वर्ष में सोने की शुरुआत 25 हजार प्रति 10 ग्राम के आसपास हुई
पिछले साल 2015 के अंत में मुंबई में स्टैंडर्ड सोना (99.5 प्रतिशत शुद्धता) का भाव 24.980 रुपये था. सोने में वर्ष 2016 की शुरुआत 25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास हुई. वैश्विक अनिश्चितता और निवेशकों का आकर्षण बढ़ने के साथ अगस्त 2016 में यह 31,570 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचा, लेकिन बाद में नोटबंदी सहित विभिन्न कारणों से गिरता हुआ 27 दिसंबर 2016 को 27,585 रुपये रह गया. वैश्विक स्तर पर भी सोने की शुरुआत उछाल के साथ हुई. वैश्विक बाजार में सोना 1,060.20 डॉलर प्रति औंस से बढ़ता हुआ अगस्त तक 29 प्रतिशत बढ़ता 1,372.60 डॉलर प्रति औंस पहुंचा.
तीनों बदलाव उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रख कर लिये गये हैं. कैरेट संख्या दर्ज होने से अब हर कोई आसानी से जान सकेगा कि गहना कितने कैरेट का है. साथ ही निशान की संख्या घटने से स्पेस मिलेगा, जिससे बाकी निशान थोड़े नजर आ सकते हैं. यह अनिवार्य नहीं वॉलंटरी है.
अलका, डिप्टी डायरेक्टर, पीआर,बीआइएस
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