Loading election data...

चीन को है उम्मीद, 2017 में भारत के साथ बेहतर होंगे संबंध

बीजिंग : चीन को वर्ष 2017 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश तथा संयुक्त राष्ट्र से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने के नई दिल्ली के प्रयास जैसे मुद्दों के समाधान के जरिए भारत के साथ बेहतर संबंधों की उम्मीद है.चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2016 6:05 PM

बीजिंग : चीन को वर्ष 2017 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश तथा संयुक्त राष्ट्र से आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने के नई दिल्ली के प्रयास जैसे मुद्दों के समाधान के जरिए भारत के साथ बेहतर संबंधों की उम्मीद है.चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने खत्म हो रहे साल के बीजिंग के अनुभव तथा चीन-भारत के संबंधों के संदर्भ में अगले साल के दृष्टिकोण के बारे में कहा, ‘‘विकास के लिए दोनों देशों के अधिक निकटता वाली भागीदारी की ओर बढ़ने के लक्ष्य के साथ इस साल, चीन-भारत के संबंधों में नियमित सुधार हुआ.’

जी-20 और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच विभिन्न बैठकों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के नेतृत्व ने नियमित संपर्क कायम रखा है.’ उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर एक व्यवस्थित तरीके से वार्ता एवं विमर्श हो रहा है तथा विभिन्न क्षेत्रों में नियमित तौर पर व्यावहारिक सहयोग रहा है.

चुनिंग ने कहा, ‘‘करीबी पडोसी होने के नाते हमारे दो बडे देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है और हम कूटनीतिक माध्यमों के जरिए उनके समाधान के लिए रास्ते तलाश रहे हैं. चीन…भारत संबंधों की मुख्य विषय वस्तु मित्रता और सहयोग की है.’ उन्होंने कहा कि वह दो बडे मुद्दों के समाधान के साथ द्विपक्षीय संबंधों के लिए अगले साल के अधिक सार्थक रहने की उम्मीद करती हैं.प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वर्ष 2017 के लिए चीन, नेतृत्व के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति के बेहतर क्रियान्वयन, व्यापक राजनीतिक पारस्परिक विश्वास, व्यापक पारस्परिक लाभ सहयोग और मतभेदों के उचित प्रबंधन के वास्ते काम करना चाहेगा जिससे कि चीन-भारत संबंधों का सतत एवं नियमित विकास सुनिश्चित हो सके.’

चीन और भारत के बीच गहरी कूटनीतिक वार्ता की मजबूती नए साल के साथ शुरु हो सकती है क्योंकि अजहर को संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति के तहत आतंकवादी के रुप में सूचीबद्ध कराए जाने के लिए भारत के आवेदन पर चीन द्वारा लगाए गए दूसरे ‘‘तकनीकी अडंगे’ की अवधि 31 दिसंबर को खत्म हो रही है.अगर चीन इस मुद्दे पर भारत का सहयोग करता है तो यह उसके लिए भी सकारात्मक होगा क्योंकि इसकी वजह से हर प्रकार के आतंकवाद से लड़े जाने के चीन के संकल्प पर प्रश्नचिह्न लगता है. जैश ए मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही आतंकवादी संगठन की सूची में डाल रखा है.

चीन के दूसरे तकनीकी अडंगे की अवधि खत्म होने के साथ ही भारत द्वारा नया आवेदन दायर किए जाने की उम्मीद है जिसे हाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: द्वारा पठानकोट आतंकी हमले में अजहर के खिलाफ दायर किए गए आरोपपत्र से मजबूती मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों. अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन सहित समिति के अन्य सदस्य पहले ही भारत के इस मामले का समर्थन कर चुके हैं.भारतीय अधिकारियों का मानना है कि आरोपपत्र चीन के लिए यह मजबूत आधार बनाता है कि वह पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने की अपनी पूर्व की बात पर पुनर्विचार करे. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के भारत के प्रयास पर चीन की आपत्ति भी एक अन्य महत्वपूर्ण विषय है जिस पर चीन का सहयोग मिलने से दोनों देशों के बीच संबंधों के नए द्वार खुल सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version