आईपीओ के लिए बीएसई को मिली सेबी की हरी झंडी
मुंबई : एशिया के सबसे पुराने बंबई शेयर बाजार (बीएसई) को पूंजी बाजार नियामक सेबी से शेयरों का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की मंजूरी मिल गयी है. बीएसई को आईपीओ से 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. बीएसई के इस बहुप्रतीक्षित आईपीओ में उसके मौजूदा शेयर धारकों द्वारा 2,99,55,434 शेयरों की बिक्री पेशकश […]
मुंबई : एशिया के सबसे पुराने बंबई शेयर बाजार (बीएसई) को पूंजी बाजार नियामक सेबी से शेयरों का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की मंजूरी मिल गयी है. बीएसई को आईपीओ से 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. बीएसई के इस बहुप्रतीक्षित आईपीओ में उसके मौजूदा शेयर धारकों द्वारा 2,99,55,434 शेयरों की बिक्री पेशकश की उम्मीद है. शेयरों की यह संख्या उसके कुल शेयरों का 30 प्रतिशत है.
बीएसई के मौजूदा शेयरधारकों में बजाज होल्डिंग्स इनवेस्टमेंट, काल्डवैल इंडिया होल्डिंग्स, आकासिया बानयान पार्टनर्स, सिंगापुर एक्सचेंज, अमेरिकी निवेशक जार्ज सोरोस की मारीशस स्थित इकाई क्वांटम फंड और फारेन फंड एटीकस शामिल हैं. एक्सचेंज ने सितंबर, 2016 में पूंजी बाजार नियामक के पास आईपीओ लाने के लिये दस्तावेज दाखिल कर दिये थे. बीएसई को इस संबंध में 30 दिसंबर, 2016 को सेबी की ओर से टिप्पणी प्राप्त हो गयी थी. किसी भी कंपनी के लिए आईपीओ लाने के लिए यह जरूरी होता है.
सूत्रों के अनुसार, बीएसई का आईपीओ 1,500 करोड़ रुपये का हो सकता है, जिसमें प्रति शेयर पेशकश मूल्य 500 रुपये हो सकता है. बंबई शेयर बाजार में करीब 9,000 शेयरधारक हैं, जिनमें मूल रूप से शेयर ब्रोकर ही शेयरधारक हैं. पिछले कई सालों में कुछ विदेशी निवेशक और घरेलू वित्त संस्थानों ने भी बीएसई के शेयर हासिल किये हैं. आईपीओ के जरिये उन्हें बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा. बीएसई के शेयर एनएसई में सूचीबद्ध होंगे. सेबी के नियम के मुताबिक, किसी एक्सचेंज के शेयर उसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं हो सकते. प्रतिद्धंदी एनएसई ने भी पिछले सप्ताह ही आईपीओ के लिए मसौदा पत्र सेबी को सौंपा है.
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