नयी दिल्ली: देश में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अक्तूबर की अवधि में 27.82 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आया. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 21.87 अरब डालर से 27 प्रतिशत अधिक है. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआइपीपी) के अनुसार, मुख्यरूप से सेवाआें, दूरसंचार, व्यापार, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तथा वाहन जैसे क्षेत्राें में विदेशी निवेश आया.
भारत को सबसे अधिक एफडीआइ सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड तथा जापान से मिला. इससे पिछले वित्त वर्ष में देश में विदेशी निवेश का प्रवाह 23 प्रतिशत बढ़कर 55.6 अरब डालर रहा था. विदेशी निवेश भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है. देश को अपने बुनियादी ढांचा क्षेत्र मसलन बंदरगाह, हवाईअड्डा और राजमार्गों में 1,000 अरब डालर के निवेश की जरुरत है. डीआइपीपी के कहा कि इसके अलावा ट्रेडमार्क के लिए आवेदनाें में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसकी जांच में इस साल नवंबर तक 250 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. ट्रेडमार्क लंबित रहने का आंकड़ा घटकर तीन महीने आ गया है जो मार्च, 2017 तक एक महीने पर आयेगा.
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