वित्त मंत्री का फेसबुक पोस्ट : जमा बढ़ने से ज्यादा ऋण मिलेगा, घटेंगी ब्याज दरें

नयी दिल्ली : अपने फेसबुक पोस्ट ‘नोटबंदी पिछले दो महीनों पर एक नजर में’ वित्त मंत्री अरुण जेटलीने लिखा है कि बैंकों के पास बड़ी मात्रा में नकदी आने से ब्याज दरें नीचे आयेंगी. वित्त मंत्री ने कहा कि जब एक साथ 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया जो कि सकल घरेलू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2017 8:00 AM

नयी दिल्ली : अपने फेसबुक पोस्ट ‘नोटबंदी पिछले दो महीनों पर एक नजर में’ वित्त मंत्री अरुण जेटलीने लिखा है कि बैंकों के पास बड़ी मात्रा में नकदी आने से ब्याज दरें नीचे आयेंगी. वित्त मंत्री ने कहा कि जब एक साथ 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.2 प्रतिशत है और उसे नयी करेंसी से बदला जाये, तो उस फैसले के बड़े प्रभाव होने स्वाभाविक हैं. उन्होंने कहा कि बैंकों के आगे से अब कतारें समाप्त हो गयी हैं और बैंकिंग प्रणाली में नकदी डालने का काम आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि दर्द और असुविधा का समय समाप्त हो रहा है. आर्थिक गतिविधियां रास्ते पर आ रही हैं.

जेटली ने कहा कि नोटबंदी के लिए साहस और क्षमता दोनों की जरूरत है. इस फैसले के क्रियान्वयन से परेशानी होगी. इससे लघु अवधि में आलोचना तथा असुविधा होगी. नोटबंदी की वजह से कारोबारी गतिविधियों में गिरावट का अर्थव्यवस्था पर क्षणिक असर होगा. बड़ी संख्या में बंद हुए नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं. नोटबंदी से बैंकों के पास ऋण देने के लिए अधिक पैसा उपलब्ध होगा जिससे वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा. चूंकि यह पैसा बैंकों के पास छोटी जमाओं के रूप में है, तो इससे ब्याज दरें नीचे आयेंगी औश्र लोगों को फायदा होगा. दोनों चीजें अब हो चुकी हैं. अभी तक लाखों करोड़ रुपये जो बाजार में बिखरा घूम रहा था, अब बैंकिंग प्रणाली में आ चुका है.

जेटली ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पहले दिन से ही छद्म अर्थव्यवस्था और कालेधन के पीछे पड़ी थी. कालेधन पर लिखते हुए जेटली ने कहा कि इसके लिए सरकार ने एसआइटी का गठन किया और सूचनाओं को साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रयास किये. स्विट्जरलैंड से करार किया गया है जिससे 2019 से वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों की संपत्तियों के बारे में सूचनाएं मिलने लगेंगी. घुमा फिरा कर कालेधन को देश में लाने से रोकने के लिए मॉरीशस, साइप्रस तथा सिंगापुर के साथ कर संधियों पर नये सिरे से वार्ता की गयी है. जेटली ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से ही मोदी ने कालेधन की बुराई के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया.

असर अनुमान से कहीं अधिक समय तक रहेगा : ज्यां द्रेज

प्रसिद्ध विकास अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा है कि नोटबंदी का वंचित तबके विशेष रूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी ‘गंभीर असर’ होगा. यह प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा अनुमान से अधिक समय तक बना रहेगा. उन्होंने नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक बताने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यदि सरकार वास्तव में बेहिसाबी धन के खिलाफ कदम उठाना चाहती है तो अच्छा होता कि वह इसकी शुरुआत राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाकर करती. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य तथा वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विजिटिंग प्रोफेसर द्रेज ने एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा सत्ता में है और वह भ्रष्टाचार की दुश्मन है. ऐसे में उसे अपने खातों का खुलासा कर उदाहरण पेश करना चाहिए.

कर रिटर्न में लेन-देन के ब्योरों के आकलन में कमी आनी चाहिए: : करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच कानूनी मुद्दों की संख्या में कमी लाने के लिए करदाताओं के कर रिटर्न में लेन-देन के ब्योरों के व्यापक विश्लेषण से जुड़ी जांच-आकलन प्रक्रिया के मामलों में अगले तीन साल की अवधि में कमी लायी जानी चाहिए. सीबीडीटी द्वारा गठित एक समिति ने यह सुझाव दिया है. नीति बनाने वाली शीर्ष निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंपी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि प्रत्येक आकलन अधिकारी (एओ) की दी जाने वाली ऐसी जांच से जुड़े मामलों की संख्या भी सीमित की जानी चाहिए.

जीडीपी पर उल्लेखनीय प्रभाव होगा: नोटबंदी का लघु अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर काफी अधिक असर देखने को मिलेगा, पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स के सर्वेक्षण में शामिल 81% अर्थशास्त्रियों ने कहा कि लघु अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा, हालांकि, नोटबंदी के लाभों से आगे चल कर आर्थिक वृद्धि को फायदा होगा.

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