चेन्नई : बजट से पहले श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में कंपनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को राहत प्रदान करते हुए रजिस्ट्रेशन कराने की मियाद में तीन महीने की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि देश की कंपनियां और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान आगामी 31 मार्च तक अपना रजिस्ट्रेशन ईपीएफओ में करा सकते हैं.
श्रम एवं रोजगार सचिव एम सत्यवति ने कहा कि हमने कंपनियों या वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से ईपीएफओ के पास रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है. अब हमने इसकी समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 कर दिया है. पहले यह समयसीमा 31 दिसंबर 2016 थी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कंपनियां बिना पंजीकरण के तीन साल या पांच साल अथवा उससे अधिक समय से काम कर रही होंगी. हमने उनसे आगे बढ़कर पंजीकरण कराने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
बताया जा रहा है कि मंत्रालय कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा, वेतन सुरक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठा रहा है. सचिव एम सत्यवति ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा, वेतन सुरक्षा तथा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है. अगर देश की कंपनियां श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा, वेतन सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराती हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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