नकदी संकट के बावजूद तीन साल के निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई

नयी दिल्ली : देश में नोटबंदी के दौरान नकदी की कमी और कमजोर मांग के बावजूद दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गयी है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि आम आदमी को रुलाने या हंसाने का काम करने वाली सब्जियों और फलों की कीमतें भी अप्रत्याशित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2017 8:27 AM

नयी दिल्ली : देश में नोटबंदी के दौरान नकदी की कमी और कमजोर मांग के बावजूद दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गयी है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि आम आदमी को रुलाने या हंसाने का काम करने वाली सब्जियों और फलों की कीमतें भी अप्रत्याशित तरीके से शून्य से करीब 14.59 फीसदी नीचे रहीं. सरकार के द्वारा गुरुवार को जारी किये गये खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में यह दर्शाया गया है कि दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में और घटकर करीब तीन साल के निचले स्तर 3.41 फीसदी पर आ गयी.

पुराने 500 और 1000 के नोटों को 8 नवंबर को बंद किये जाने के बाद से घरेलू थोक और खुदरा बाजार को नकदी की कमी से जूझना पड रहा है, जिसका मांग पर जोरदार तरीके से असर पड़ रहा है. सरकार की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि दिसंबर महीने में सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी आने की वजह से खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गयी है.

जनवरी, 2014 के बाद पहली बार खुदरा बाजार ने दी लोगों को राहत

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2014 के बाद यह खुदरा मंहगाई दर का न्यूनतम स्तर है. नवंबर, 2016 में यह 3.63 फीसदी और दिसंबर, 2015 में 5.61 फीसदी थी. सब्जियों की मुद्रास्फीति और नीचे आ गयी है. दिसंबर में यह शून्य से 14.59 फीसदी नीचे रही. इससे पहले नवंबर में यह शून्य से 10.29 फीसदी नीचे थी. इसी तरह दलहन एवं उत्पादों की मुद्रास्फीति दिसंबर में शून्य से 1.57 फीसदी नीचे रही.

खुदरा बाजार में फलों की मिठास हो गयी कम

हालांकि, फलों की मुद्रास्फीति दिसंबर में मामूली बढ़त के साथ 4.74 फीसदी रही, जो नवंबर में 4.60 फीसदी थी. मोटे अनाज और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति बढ़कर 5.25 फीसदी हो गयी, जो नवंबर में 4.86 फीसदी थी. प्रोटीन वाले उत्पाद मसलन मांस और अंडे की मुद्रास्फीति दिसंबर में 4.79 फीसदी रही, जो नवंबर में 5.83 फीसदी थी. अंडों के दाम माह के दौरान 6.41 फीसदी बढ़े, जबकि इससे पिछले महीने ये 8.55 फीसदी बढ़े थे.

पीएम मोदी के फैसले से 86 फीसदी मुद्रा चलन से हो गयीं बाहर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. इससे करीब 86 फीसदी मुद्रा चलन से बाहर हो गयी थी. इस वजह से उपभोक्ता मांग में गिरावट आयी. कुल मिलाकर दिसंबर में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक घटकर 1.37 फीसदी रह गया, जो नवंबर में 2.11 फीसदी था. ईंधन और लाइट खंड में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 3.77 फीसदी रही, जो एक महीने पहले 2.80 फीसदी थी. दिसंबर में ग्रामीण मुद्रास्फीति 3.83 फीसदी रही, जो नवंबर में 4.13 फीसदी थी. इसी तरह शहरी क्षेत्र के लिए मुद्रास्फीति घटकर 2.90 फीसदी पर आ गयी, जो इससे पिछले महीने 3.05 फीसदी थी.

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