बजट में स्टार्टअप इकाइयों को मिल सकता है लाभ
नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप कंपनियों को बजट में अतिरिक्त कर लाभ दिए जाने की संभावना का संकेत दिया है. बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है. मंत्रालय ने पहले ही उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्रालय से स्टार्टअप्स के लिए कर अवकाश को मौजूदा […]
नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप कंपनियों को बजट में अतिरिक्त कर लाभ दिए जाने की संभावना का संकेत दिया है. बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है. मंत्रालय ने पहले ही उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्रालय से स्टार्टअप्स के लिए कर अवकाश को मौजूदा के तीन साल से बढाकर सात करने की मांग की है. सीतारमण ने कहा कि कर और कर संबंधित मामले हमेशा स्टार्ट अप्स से आते हैं, क्योंकि ये उनपर ठोस असर डालते हैं और इस बारे में कुछ काम हो चुका है, और हो रहा है.
अब देखना है कि बजट में क्या होता है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने उद्यमियों के सभी सुझावों को एकत्रित किया है और उसे वित्त मंत्रालय को सौंपा है. कर अवकाश को बढाकर सात साल करने के बारे में सीतारमण ने कहा कि हमने यह सुझाव वित्त मंत्रालय को दिया है. हमें इंतजार करना होगा. मंत्री ने कहा कर संबंधित लाभ सिर्फ बजट के जरिये आए.
इसके अलावा स्टार्टअप्स को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) से छूट देने का सुझाव भी आगे बढाया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार यदि कोई विधायी अड़चनें हैं, को दूर करने को प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार इसमें राज्यों के साथ स्थानीय प्राधिकरणों को भी शामिल कर रही है जिससे उदीयमान उद्यमियों को स्थानीय कर आदि के मामले में मदद की जा सके.
सीतारमण ने यहां स्टार्ट अप इंडिया की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक से रिजर्व बैंक, सिडबी तथा वीसी के साथ बैठक आयोजित करने को भी कहा है जिससे वित्तपोषण से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके. इस मौके पर अभिषेक ने कहा कि कराधान एवं बुनियादी ढांचे के मामले स्टार्टअप्स को और समर्थन देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उनके लिए और करने की जरूरत है. हम कर संबंधित मामलों पर वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रहे है. राज्य सरकारों को देश में ऐसी इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए पूर्ण सहयोग देना चाहिए.’ डीआइपीपी सचिव ने कहा कि हालांकि कई राज्य स्टार्ट अप्स से संबंधित विशेष नीतियां लेकर आ रहे हैं, लेकिन राज्योंको इस दिशा में अधिक काम करने की जरूरत है.
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