मुंबई : नोटबंदी के बाद उपजे नकदी संकट के कारण देश-दुनिया में हो रही छीछालेदर से आहत रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने सहयोगियों घुड़की देते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक की साख को कम करने के किसी भी प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने रिजर्व बैंक के अपने सहयोगियों से केंद्रीय बैंक की सत्यनिष्ठा की पूरी शिद्दत से रक्षा करने की बात कही है.
4 सितंबर, 2016 को रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर का पदभार संभालने के बाद कर्मचारियों को पहली बार संबोधित करते हुए पटेल ने ई-मेल के जरिये उनसे कहा कि रिजर्व बैंक ने कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास से ही उत्कृष्टता हासिल की है. स्पष्ट तौर पर आठ नवंबर को 5,00 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से वापस लेने के केंद्र के निर्णय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे एक बात पर जोर देना है कि हम सभी को रिजर्व बैंक की सत्यनिष्ठा और साख की रक्षा करनी चाहिए. इसे नीचे दिखाने के किसी प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी अभियान के दौरान रिजर्व बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को कथित तौर पर मनी लांड्रिंग और प्रतिबंधित नोट को अवैध तरीके से बदलने में पकड़े गये हैं. इसके मद्देनजर सीबीआई ने दिसंबर में रिजर्व बैंक के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इन अधिकारियों की गिरफ्तारी से रिजर्व बैंक की प्रतिष्ठा और उसकी साख को गहरी चोट पहुंची है.
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