मुंबई : अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडल रिजर्व के प्रमुख जैनेट येलेन द्वारा सालाना ब्याज दर में बढ़ोतरी के संकेत देने के बाद दुनिया भर के बाजार समेत एशियाई बाजार और बीएसई भी दबाव महसूस कर रहा है. गुरुवार को अपने शुरुआती कारोबार में बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 20 अंक गिरकर 27,238 पर खुला, जबकि निफ्टी भी अपनी सीमाओं को लांघते हुए करीब 50 अंक गिरकर 8,413 के स्तर पर पहुंच गया. बताया जा रहा है कि घरेलू शेयर बाजारों में अमेरिकी फेडरल के संकेत और बैंकिंग सेक्टर में यस बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक की ओर से गुरुवार को तीसरी तिमाही के आने वाले नतीजों के कारण भी दबाव बना हुआ है.
बुधवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 21.98 अंक की मामूली बढत के साथ 27,258 पर बंद हुआ था. वहीं, एनएसई निफ्टी भी 8,400 अंक के महत्वपूर्ण स्तर से ऊपर निकल गया. सरकार के एफपीआई काराधान पर रोक के कदम से बाजार को बल मिला था. हालांकि, अमेरिका में सत्ता में आ रहे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों को लेकर अनिश्चितता तथा सत्र के अंत में निवेशकों की मुनाफावसूली से सूचकांक में ज्यादा तेजी बरकरार नहीं रह सकी.
अच्छे बैंकिंग नतीजों के बावजूद दबाव में रहा अमेरिकी बाजारा
अच्छे बैंकिंग नतीजों के बावजूद अमेरिकी बाजार दबाव में रहे हैं. गोल्डमैन सैक्स और सिटी ग्रुप ने उम्मीद से बेहतर नतीजे पेश किये हैं. दरअसल, ट्रंप के शपथ लेने से पहले बाजार अलर्ट मोड में है और बाजार को ट्रंप की नीतियों का इंतजार है. वहीं फेडरल रिजर्व चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने भी दरें बढ़ाने के संकेत दिये हैं. येलेन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की बात कही है. येलेन के बयान के बाद चीन की करेंसी में भी दबाव दिखा है. इसके साथ ही, एशियाई बाजारों में भी दबाव का रुख बना हुआ है.
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