चीन की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. चीन ने साल 2011-15 तक की अवधि का आर्थिक आंकड़ा पेश किया है. आंकड़ों के लिहाज से देखे तो पिछले पांच सालों में चीन ने खासी प्रगति की है. पिछले पांच सालों में चीन का लक्ष्य एक निवेश अधारित अर्थव्यवस्था बनने की थी. अगामी पांच सालों में चीन ने नवोन्मेष व सेवा अधारित अर्थव्यवस्था बनना चाहती है. 12 वीं पंचवर्षीय योजना को लेकर चीन ने आंकड़े पेश किये हैं.
विकास दर
वर्ष 2011 में चीन का विकास दर 9.3 प्रतिशत था. 2012 में 7.7 प्रतिशत, 2013 में 7.7 प्रतिशत और 2014 में 7.3 प्रतिशत. 2015 में चीन की अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत के दर से बढ़ी है. इस लिहाज से देखा जाये तो चीन ने विकास दर के मामले में वैश्विक मंदी के दौर में भी विकास दर को 5 प्रतिशत से ज्यादा करने में कामयाब रहा.
सर्विस सेक्टर
चीन की अर्थव्यवस्था में 49.5 प्रतिशत हिस्सेदारी सेवा क्षेत्र की है. 2010 में चीन की जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान 39.2 प्रतिशत था. इस लिहाज से देखा जाये तो चीन अपना फोकस सर्विस सेक्टकर से मैन्यूफैक्चरिंग में करना चाहता है.
निवेश
2010 में अचल संपत्ति निवेश दर 2010 में 23.8 प्रतिशत से घटकर 2014 में 15.7 प्रतिशत हो गया. जारी आंकड़ों के मुताबिक चीन ने रेलवे व आम आदमी के जीवनयापन में निवेश बरकरार रखा लेकिन औद्योगिक उत्पादन में कमी होने की वजह से निवेश में गिरावट हुई.
खपत
साल 2011 से 2015 के बीच चीन की खपत दर में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज की गयी. उपभोक्ता सामाग्री का खपत 15.5 ट्रिलीयन युआन से बढ़कर 26.2 ट्रिलीयन युआन तक पहुंच गया.
रिसर्च एंड डेवलेपमेंट
2011 से 2015 के बीच रिसर्च और डेवलेपमेंट में निवेश बढ़कर दुगुना हो गया. 2011 में चीन ने 706.3 बिलीयन युआन खर्च किया था जो बढ़कर 1.3 ट्रिलीयन युआन हो गया . वहीं पेटेन्ट के लिए आवेदन दी गयी रिसर्च की संख्या 1.2 मिलीयन से बढ़कर 2014 में 2.4 मिलीयन हो गयी.
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