जयपुर : इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अरुण सुंदररान ने शनिवार को कहा कि साइबर सुरक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार एक अलग वित्तीय आपात प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित जल्द ही स्थापित होगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि इसका एक काम इस बात की निगरानी और यह सुनिश्चित करना भी होगा कि किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि के बारे में पहले ही आभास कर लिया जाये.
सुंदरराजन ने कहा कि कुल मिलाकर साइबर सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय है. हमारी प्रणाली भी उतनी ही सुरक्षित है, जितनी अन्य स्थानों पर दूसरी प्रणालियां सुरक्षित हैं. जैसे-जैसे हम आगे बढेंगे हम अपनी ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाने का प्रयास करते जायेंगे, क्योंकि भारत आने वाले समय में दूसरे देशों के मुकाबले अधिक डिजिटल होने जा रहा है.
जयपुर साहित्योत्सव में डिजिटल अर्थव्यवस्था के एक सत्र में सुंदरराजन ने कहा कि सरकार अपने साइबर ढांचे को मजबूत बनाने पर ध्यान दे रही है और एक अलग वित्तीय आपात प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब सरकार अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने पर जोर दे रही है, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता का मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है. उम्मीद है कि यह काम होगा.
इस बीच, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा सरकार जिस तेजी से डिजिटल भुगतान की दिशा में आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए 2020 तक डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और एटीएम कार्ड देश में बेकार हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि देश में करीब 85 फीसदी लेनदेन नकद में होता है, अधिक नकदी से कालाधन और भ्रष्टाचार जैसी समस्यायें होतीं हैं. इसलिए हमें डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ना चाहिए. देश की भलाई के लिए हमें कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को अपनाना होगा.
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