जीएसटी से कर विभाग में रोजगार की कटौती नहीं होगी : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के कारण कर अधिकारियों के काम कम होने से नौकरी जाने की चिंताओं को दूर करते हुए आज कहा कि उनके भीतर कोई असुरक्षा नहीं होनी चाहिए क्योंकि नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था भी उनके लिये पूरे अवसर होंगे. उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2017 10:14 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के कारण कर अधिकारियों के काम कम होने से नौकरी जाने की चिंताओं को दूर करते हुए आज कहा कि उनके भीतर कोई असुरक्षा नहीं होनी चाहिए क्योंकि नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था भी उनके लिये पूरे अवसर होंगे. उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से पहले यह बात कही है.

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह, 2017 तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस 2017 समारोह में कहा, ‘मुझे चिंता का कोई कारण नजर नहीं आता. इसका सीधा सा कारण है कि सेवा में लोगों के पास जो अवसर उपलब्ध है और नीति से जुड़े मामले तथा संवैधानिक गारंटी का संरक्षण किया जाएगा.’

उन्होंने कहा कि केवल कार्य की प्रकृति में बदलाव आएगा क्योंकि केवल एक राष्ट्रीय बिक्री कर होगा और यह उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट जैसे केंद्रीय तथा राज्यों में लगने वाले शुल्क का स्थान लेगा.

जेटली ने कहा, ‘केवल इसलिए किसी महत्वपूर्ण बदलाव और क्रमिक विकास को कभी भी ठंडे बस्ते में नहीं डाला जा सकता कि इससे पहले से काम कर रहे लोगों को एक अलग माहौल में दूसरे तरह का काम करना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘लोगों की जरुरत होगी, अवसर बने रहेंगे. केवल काम की प्रकृति में बदलाव आएगा.’

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी पिछले कई साल से लटका पडा है और इसे देश में नीतिगत मामले में एक बडी आम सहमति के रूप में देखा जा रहा है. यह एक महत्वपूर्ण कर सुधार है जो देश में आर्थिक एकीकरण लाएगा.

वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘एक बार इसके लागू होने के साथ आपके समक्ष ऐसी स्थिति होगी जहां केंद्र तथा राज्यों द्वारा अलग-अलग लगाये जाने वाले करों का एक में एकीकरण होगा और परिणामस्वरुप एक आकलन होगा.’ वह सीबीईसी के चेयरमैन नजीब शाह की बातों का जवाब दे रहे थे. शाह ने कैडर में चिंता की बात का जिक्र किया और कहा कि सेवा में मानव संसाधन के मुद्दे हैं.

जेटली ने कहा कि जो राजस्व संग्रह किये जा रहे हैं, उसमें वृद्धि होगी और आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि बदलाव और क्रमिक विकास किसी भी आर्थिक व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है और उसे कभी भी जिम्मेदारी की प्रकृति में बदलाव के कारण नहीं रोका जा सकता.

उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा, ‘यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है और यह जारी रहेगी. हमें इस बदलाव के साथ खुद को समायोजित करना होगा. मैं आपको केवल आश्वस्त कर सकता हूं कि चिंता का कोई कारण नहीं है. आप जा सकते हैं और आज आपको अच्छी नींद आएगी.’ राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने अधिकारियों से कहा कि उनके लिये जीएसटी के तहत काफी काम होगा.

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