नयी दिल्ली : दूरसंचार क्षेत्र में रिलायंस जियो द्वारा मुफ्त इंटरनेट डाटा और वॉयस कॉल का ऑफर दिये जाने के बाद मोबाइल बाजार में प्राइस वार तो शुरू हो ही गया है, अब अटकलों का बाजार इस बात को लेकर भी गर्म है कि वोडाफोन और आइडिया आपस में विलय कर एक नयी कंपनी बनायेंगे. बाजार में इस बात को लेकर भी अटकलें तेज है कि प्राइस वार से निपटने के लिए आदित्य बिड़ला गु्रप की कंपनी आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन की इंडियन यूनिट में विलय होगा. यदि ऐसा होता है, तो दोनों के विलय से बनने वाली कंपनी के सबसे ज्यादा ग्राहक होंगे.
बता दें कि इस समय एयरटेल के पास सबसे अधिक 23 करोड़ उपभोक्ता हैं. वहीं, रिलायंस के पास 7.2 करोड़ ही उपभोक्ता हैं, लेकिन वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद इनके पास कुल 39 करोड़ उपभोक्ता होंगे, जो एयरटेल और रिलायंस जियो दोनों की तुलना में कहीं अधिक होंगे. बाजार में उपभोक्ताओं के लिहाज से वोडाफोन दूसरे और आइडिया तीसरे नंबर पर है. ऐसे में रिलायंस जियो की लगातार ग्रोथ और इन दोनों कंपनियों के विलय के बाद मौजूदा वक्त में दूरसंचार क्षेत्र की बादशाह बनी एयरटेल कंपनी तीसरे पायदान पर आ सकती है.
यही नहीं, रिलायंस जियो का भी एयरटेल की तुलना में इस कंपनी को पीछे छोड़कर नंबर वन बन पाना मुश्किल होगा. आइडिया और वोडाफोन के विलय के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास 40 फीसदी बाजार में शेयर होगा. अभी एयरटेल की दूरसंचार बाजार में 32 पर्सेंट हिस्सेदारी है. यदि ये दो कंपनियां एक होती हैं, तो यह भारत के दूरसंचार बाजार में यह सबसे बड़ा विलय होगा.
सूत्रों के अनुसार, दोनों कंपनियों के बीच विलय की संभावना तलाशने के लिए कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि इसी के चलते 23 जनवरी को जारी होने वाले आइडिया के तिमाही नतीजों की घोषणा को भी टाल दिया गया था. आइडिया और वोडाफोन के विलय के बाद नयी कंपनी के उभार से दूरसंचार क्षेत्र के मौजूदा आंकड़े पूरी तरह से उलट जायेंगे.
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