लंदन/मुंबई : दूरसंचार बाजार में वोडाफोन व आइडिया के विलय के कयासों की आज वोडाफोन ने पुष्टि कर दी. वोडाफोन ने आज कहा कि विलय के मसले पर आइडिया के साथ उसकी बातचीतचलरही है. वोडाफोन ने इस बात की पुष्टिकी है कि उसकी भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया की भारत के दूरसंचार क्षेत्र की घरेलू कंपनी आइडिया सेल्यूलर के साथ सभी प्रकार के शेयरों के साथ एक नयी कंपनी बनाने के लिए विलय की बातचीत की जा रही है. इस खबर के आने मात्र से आज आइडिया के शेयर 29 प्रतिशत तक चढ़ गये. वहीं, ब्रिटिश शेयर बाजार में वोडाफोन के शेयर भी तीन प्रतिशत के करीब चढ़े.
वोडाफोन ने इस बात की भी पुष्टि की है कि भारत के मोबाइल बाजार में प्राइस वॉर शुरू होने के बाद सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों कंपनियों को विलय कर एक नयी कंपनी बनाने की प्रक्रिया शुरू करदी है. यह खबर न्यूज एजेंसी रायटर्स ने दी है.
भारत के सबसे बड़ेकारोबारी मुकेश अंबानी की जियो इन्फोकॉम द्वारा अपने उपभोक्ताओं को मुफ्त में इंटरनेट डाटा और वॉयस कॉल की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद देश की तीन बड़ी कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के बाजाद पर प्रतिकूल असर बना. टेलीकॉम सेक्टर में अबतक मार्केट लीडर रही एयरटेल के सामने चुनौती खड़ी हो गयी.
विलय को लेकर मीडिया में लगायी जा रही अटकलों पर विराम लगाते हुए वोडाफोन ने कहा कि इस बात को लेकर आदित्य बिड़ला की कंपनी आइडिया सेल्यूलर के साथ इस शर्त के साथ विलय किया जा रहा है कि वह वोडाफोन के साथ मिलकर नये शेयरों को जारी करेगी.
आइडिया के परिसंपत्तियों, लाभांशों और समूह की अन्य गतिविधियों के साथ विलय को लेकर की जा रही बातचीत की पुष्टि के बाद लंदन में वोडाफोन के शेयरों में करीब 3 फीसदी तक उछाल देखा गया, तो भारत के घरेलू शेयर बाजार बीएसई पर आइडिया के शेयरों में भी करीब 29 फीसदी तक बढ़त देखी गयी. इसके साथ ही, मीडिया में यह भी खबर आ रही है कि जियो इन्फोकॉम की ओर से शुरू किये गये प्राइस वॉर का सामना करने के लिए भारती एयरटेल और उसके अन्य प्रतिस्पर्द्धी दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन इंडिया आदि ने भी अपने उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर इंटरनेट डाटा और वॉयस कॉल की सुविधा प्रदान करने की तैयारी पूरी कर ली है.
वहीं, बाजार विश्लेषक इस बात को लेकर भी आगाह कर रहे हैं कि पिछले साल भारत के दूरसंचार क्षेत्र के बाजारों में कारोबारी प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने के बाद वोडाफोन ने भारतीय बाजार से अपना व्यापार समेटते हुए करीब 5 अरब डॉलर की निकासी भी कर ली थी. हालांकि, कंपनी ने पिछले साल 15 नवंबर को यह बात भी कही थी कि वोडाफोन अपने भारतीय कारोबार पर नजर बनायेहुए है और यह उसे बाजार में स्थिति में सुधार होने के साथ ही उसके शेयरे के सूचीबद्ध होने का इंतजार रहेगा.
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