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उद्योग जगत ने की बजट की सराहना, कहा – बजट जमीनी स्तर से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला

नयी दिल्ली : उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट की सराहना की है. उद्योग जगत का कहना है कि इससे यह सकारात्मक धारणा बनेगी कि सरकार वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सभी कदम उठायेगी और विशेष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर ध्यान देगी. हालांकि, उद्योग जगत ने बड़ी कंपनियों के […]

नयी दिल्ली : उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट की सराहना की है. उद्योग जगत का कहना है कि इससे यह सकारात्मक धारणा बनेगी कि सरकार वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सभी कदम उठायेगी और विशेष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर ध्यान देगी. हालांकि, उद्योग जगत ने बड़ी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती न किये जाने पर निराशा जतायी है.

बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शा ने कहा, ‘कुल मिलाकर यह सुरक्षित और संतुलित बजट है. यह अधिक साहसी हो सकता था. ग्रामीण विकास, सस्ते मकानों, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए अच्छा आबंटन किया गया है. एमएसएमई क्षेत्र को कुछ प्रोत्साहन दिये गये हैं लेकिन रोजगार सृजन और निवेश से संबद्ध कॉरपोरेट कर कटौती नहीं किया जाना निराशाजनक है.’

हालांकि, उन्‍होंने छोटी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की सराहना की. उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, ‘यह बजट देश की आर्थिक शक्ति बढायेगा. बजट की दिशा दुरुस्त है और रोजकोषीय दृष्टि से अनुकूल है.’

एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोडिया ने कहा, ‘50 करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाले लघु एवं मझोले उपक्रमों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया जाना एक उचित कदम है, लेकिन उद्योग जगत बड़ी कंपनियों के लिए भी ऐसा ही चाह रहा था.’

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया कि वह राजनीतिक चंदे में सुधारों से खुश हैं. इसके अलावा रेल बजट का विलय, एफआईपीबी को समाप्त करना और योजना और गैर योजना लेबल को हटाना अच्छे कदम हैं.

अलीबाबा मोबाइल बिजनस ग्रुप के जीएम (विदेशी कारोबार) केन्नी ये ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को खत्म करना एक साहसिक निर्णय है. उन्होंने कहा कि एफडीआई व्यवस्था को और उदार बनाने की घोषणा से विदेशी निवेशक उत्साहित होंगे.

चिंटेल इंडिया के प्रबंध निदेशक बजट से रीयएल एस्टेट सेक्टर को लाभ होगा. उन्होंने सस्ते मकान क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्ज दिये जाने तथा सस्ते मकानों की परिभाषा में 30 वर्ग मीटर और 60 वर्गमीटर सुपर एरिया की जगह कार्पेट एरिया रखने संबंधी प्रावधानों का स्वागत किया.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट उद्योग और विदेशी निवेशकों की धारणा को मजबूत करने वाला है. इससे संकेत मिलता है कि सरकार राजकोषीय मजबूती की राह पर कायम रहेगी और वृद्धि को प्रोत्साहन के सभी कदम उठाएगी.

पीएचडी चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष गोपाल जिवारजका ने कहा कि सरकार ने जमीनी स्तर से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए संतुलित बजट पेश किया है. आईटीसी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों, बुनियादी ढांचा तथा गरीबी उन्मूलन के अलावा कृषि क्षेत्र में खर्च बढाने के बजट प्रस्तावों से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी और उपभोग मांग बढेगी.

डीएलएफ के मुख्य कार्यकारी राजीव तलवार ने कहा कि सरकार ने सस्ते मकानों को बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा देकर एक अच्छा कदम उठाया है. इससे डेवलपर्स के लिए कोष की लागत घटेगी और घर के खरीदारों के लिए दाम नीचे आएंगे.

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