8.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

50 लाख से ऊपर की बेनामी संपत्ति रखी, तो खंगाल लिये जायेंगे 10 साल पुराने मामले

नयी दिल्ली : आयकर अधिकारी अब 10 साल पुराने तक कर के मामले खोल सकेंगे. वित्त विधेयक-2017 के दस्तावेज के अनुसार, यदि छापेमारी में 50 लाख रुपये से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है, तो आयकर अधिकारी 10 साल तक पुराने मामले खोले जा सकते हैं. अभी तक आयकर अधिकारियों को […]

नयी दिल्ली : आयकर अधिकारी अब 10 साल पुराने तक कर के मामले खोल सकेंगे. वित्त विधेयक-2017 के दस्तावेज के अनुसार, यदि छापेमारी में 50 लाख रुपये से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है, तो आयकर अधिकारी 10 साल तक पुराने मामले खोले जा सकते हैं. अभी तक आयकर अधिकारियों को छह साल तक पुराने लेखा-जोखा खंगालने की अनुमति है. आयकर कानून में संशोधन एक अप्रैल, 2017 से प्रभाव में आयेगा.

वित्त विधेयक-2017 में पेश दस्तावेज के अनुसार, इसका मतलब है कि छापेमारी के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक बेनामी संपत्ति का पता चलने पर आयकर अधिकारी 2007 तक के पुराने मामलों को खोल सकते हैं. इस संशोधन का मकसद ऐसे मामलों में कर चोरी का पता लगाना है, जिनमें छापेमारी या जब्ती की कार्रवाई के दौरान संपत्तियों में अघोषित निवेश के बारे में पुख्ता प्रमाण मिलते हैं.

अभी तक आयकर अधिकारियों के पास छह साल के मामले खोलने का था अधिकार

सरकार के इस नियम के तहत कर अधिकारियों को 10 आकलन वर्षों तक के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार मिलेगा. अभी तक वह छह आकलन वर्षों के लिए नोटिस जारी कर सकते हैं. दस्तावेज में कहा गया है कि यदि एक अप्रैल, 2017 को या उसके बाद धारा 132 के तहत छापेमारी की गयी है, तो धारा 153 ए का संशोधित प्रावधान लागू होगा. विदेशों में बेनामी संपत्ति के मामले में सरकार ने कर अधिकारियों को 16 साल तक पुराने मामले खोलने की अनुमति दी है.

एनपीएस में अब अंशदान के 20 फीसदी तक आयकर में कटौती की मिलेगी छूट

एनपीएस को प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में निवेश पर व्यक्तियों (स्वरोजगार करने वालों) को अधिक कर छूट देने का प्रस्ताव किया है. इस योजना में अंशदान के 25 फीसदी अंशदान की निकासी की अनुमति दी. आयकर कानून के तहत कर्मचारी या अन्य व्यक्तियों को राष्ट्रीय पेंशन व्यवस्था न्यास (एनपीएस) में जमा की गयी रकम के लिए आय में कटौती दिखाने की अनुमति है. यह कटौती एक कर्मचारी के मामले में वेतन के 10 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती, जबकि अन्य व्यक्तियों के मामले में यह उनकी सकल कुल आय के 10 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती.
हालांकि, एक कर्मचारी के नियोक्ता द्वारा किये गये अंशदान के संबंध में कर्मचारी के वेतन के 10 फीसदी तक कटौती की अनुमति है. इसका अर्थ हुआ कि एक कर्मचारी के मामले में धारा 80सीसीडी के तहत मान्य कटौती वेतन के 20 फीसदी तक है, जबकि अन्य व्यक्तियों के मामले में कुल कटौती सकल कुल आय के 10 फीसदी तक सीमित है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें