नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा जताया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश से 45,000 करोड़ रुपये जुटा लिये जायेंगे. हालांकि, चालू वित्त वर्ष को खत्म होने में दो महीने से भी कम समय बचा है. मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक शेयरों की बिक्री पेशकश, शेयरों की पुनर्खरीद और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के ईटीएफ के माध्यम से अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 30,000 करोड़ रुपये जुटाये जा चुके हैं.
अंग्रेजी के एक समाचार चैनल पर एक बातचीत में उन्होंने कहा कि यह सच है कि इस सरकार ने विनिवेश को लेकर बहुत हो-हल्ला नहीं मचाया. मैंने हर बजट में एक लक्ष्य तय किया और इस बार मैं एक साल में 45,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को प्राप्त करने जा रहा हूं. जेटली ने अपने बजट भाषण का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी संख्या में सार्वजनिक उपक्रमों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की घोषणा की है.
जेटली ने कहा कि जो लोक उपक्रम सूचीबद्ध नहीं है, अब वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध होंगे. ऐसा होने पर उनमें आवश्यक रूप से विनिवेश करना पड़ेगा और इनमें से कुछ में काफी हिस्सेदारी की बिक्री होगी. बीती एक फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों की समयबद्ध सूचीबद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक संशोधित प्रक्रिया रखेगी, क्योंकि सूचीबद्धता से जिम्मेदारी बढ़ती है और उपक्रमों का सही मूल्य तय होता है.
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सरकार ने 72,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है, जिसमें आईआरसीटीसी, आईआरएफसी और इरकॉन को सूचीबद्ध किया जाना शामिल है. सरकार की साधारण बीमा क्षेत्र के पांच सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
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