बैंगलुरु: देश की एक नामी कंपनी इन्फोसिस में अंदरुनी कलह और अफवाहों का बाजार गरम है. कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का के वेतन को लेकर हुए विवाद में अब कंपनी के सह संस्थापक और पहले चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति ने काफी रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा है कि कंपनी में जो भी हो रहा है वह कॉरपोरेट गवर्नेंस बेहद नीचला स्तर है. उन्होंने कहा है कि कुछ लोगों को मनमाने ढंग से सेवरेंस पे दिया जा रहा है, इससे अन्य कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है.
इकोनोमिक्स टाइम्स को दिये इंटरव्यू में नारायणमूर्ति ने कहा कि कंपनी की ओर से विशाल सिक्का को दिये गये सेवरेंस पर उन्हों कोई एतराज नहीं है, लेकिन बाकी लोगों को दिये गये सेवरेंस से कंपनी के कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है. ऐसा कर कंपनी का गवर्नेंस बोर्ड जिस तरह का काम कर रहा है, उससे वह दुखी हैं. मूर्ति ने कहा कि इन्फोसिस बोर्ड को इन मामलों का सॉल्यूशन निकालने की जरूरत है क्योंकि कर्मचारियों का मनोबर गिरा है.
गौरतलब है कि कंपनी के कुछ संस्थापक सदस्यों ने विशाल सिक्का के कार्यशैली पर भी सवाल उठाये हैं और कहा है कि सिक्का के अलावे अगर कोई और सीईओ होता तो कंपनी और ऊंचाइयों पर होती. हालांकि नारायणमूर्ति ने विशाल सिक्का की प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं उठाया और कहा कि सिक्का से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.
इंटरव्यू में नारायणमूर्ति ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को मोटी रकम सेवरेंस पे के रूप पर देने से बाकी कर्मचारियों में असंतोष हैं. उन्होंने कहा कि इससे सीनियर, मिड्ल और जूनियर लेवल पर कर्मचारियों के बीच नाखुशी है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग कर्मचारी की ओर से उनको 1,800 से ज्यादा मेल प्राप्त हुए हैं, जिसमें उनलोगों ने अपनी अप्रसन्नता प्रकट की है.
नारायणमूर्ति ने कहा कि कर्मचारियों का सवाल है कि उनलोगों को वैरिएबल पे सिर्फ 80 फीसदी मिलती है जबकि कंपनी छोड़ने वाले कुछ एग्जिक्युटिव्स को अगले दो सालों तक के लिए 100 फीसदी वैरिएबल दिया गया है, क्या यह उचित है? उन्होंने कहा, ‘हमलोगों ने मूल्यों और संस्कृति वाले इस संस्थान को बनाने में अपने जीवन के दशकों को बिताये हैं, अब हमें यहां की स्थिति देखकर बुरा लग रहा है.’
कंपनी के निदेशक मंडल की सदस्य किरण मजूमदार शॉ का कहना है कि इंफोसिस में बोर्ड, कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का और संस्थापकों के बीच कोई भी मतभेद नहीं है. शॉ ने एक मीडिया ग्रुप के साथ बात करते हुए बताया कि उन्होंने सिक्का को मिलने वाले वेतन को भी सही बताया और कहा कि उनके वेतन का एक बड़ा हिस्सा वेरिएबल पे के तौर पर उन्हें मिलता है.
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