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10 लाख करोड़ रुपये के खनिज पट्टों को नीलाम करेगी सरकार

280 खनिज ब्लॉकों की अगले वित्त वर्ष में नीलामी की योजना 21 पट्टों की अब तक सरकार की ओर से की जा चुकी है नीलामी 83 अन्य खनिज ब्लॉकों के पट्टों के मामले पर चल रहा है विवाद नयी दिल्ली : गैर-कोयला आधारित खनिज पदार्थों के बलॉकों के पट्टे की नीलामी से राजस्व वसूली के […]

  • 280 खनिज ब्लॉकों की अगले वित्त वर्ष में नीलामी की योजना
  • 21 पट्टों की अब तक सरकार की ओर से की जा चुकी है नीलामी
  • 83 अन्य खनिज ब्लॉकों के पट्टों के मामले पर चल रहा है विवाद

नयी दिल्ली : गैर-कोयला आधारित खनिज पदार्थों के बलॉकों के पट्टे की नीलामी से राजस्व वसूली के लिए केंद्र सरकार ने नयी खनिज अन्वेषण नीति (एमईपी) के तहत 280 ब्लॉकों के पट्टे को नीलाम करने की योजना बनायी है. इन खनिज ब्लॉकों के पट्टों की नीलामी अगले वित्त वर्ष में की जायेगी. बताया यह भी जा रहा है कि सरकार की ओर से फिलहाल जिन खनिज ब्लॉकों के पट्टों की नीलामी की योजना बनायी गयी है, उनमें 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के खजिन संसाधनों का भंडार होने का अनुमान है.

खान सचिव बलविंदर कुमार ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 280 खानों को नीलाम करने की योजना है. इनमें 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खनन संपत्ति होने का अनुमान है. इसके अलावा, 83 अन्य ऐसे खनन ब्लॉक हैं, जिन पर कुछ कानूनी विवाद चल रहे हैं. कानूनी विवाद में फंसे इन खनन क्षेत्रों की नीलामी मुकदमों के नतीजों पर निर्भर करेगी. उन्होंने बताया कि खानों के मानचित्रण और निगरानी के लिए जल्दी ही ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जायेगा. यह काम आईबीएम करेगा. इससे खनन क्षेत्रों के धरालत का चित्रण बहुत कम समय में किया जा सकेगा.

चालू वित्त वर्ष में 94 हजार करोड़ के पट्टों की हो चुकी है नीलामी

खान सचिव ने बताया कि सरकार की नयी नीति के तहत अब तक खान के करीब दो दर्जन पट्टों की नीलामी की जा चुकी है. इनमें 94,000 करोड़ रुपये के खनिजों का भंडार अनुमानित है. उन्होंने कहा कि खनिज ब्लॉकों में खोज के लाइसेंस की एकल खिड़की व्यवस्था करने के लिए एक वेब-पोर्टल की योजना पर भी चर्चा की गयी है.

छत्तीसगढ़ में पिछले साल पहली बार गैर कोयला खनिज पट्टे की लगी थी बोली

खनिज संसाधनों के नये आवंटन नियमों के तहत देश में पहली बार 19 फरवरी, 2016 को छत्तीसगढ़ में पहली नीलामी हुई थी. इस नीलामी के बलौदा बाजार के करही-चंडी सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर ब्लॉक की नीलामी से राज्य को 4413 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की आमदनी का अनुमान लगाया गया था. दरअसल, सरकार ने खान एवं खनिज कानून-2015 के तहत राज्य सरकारों को दो चरणों में फारवर्ड बिडिंग प्रक्रिया के अनुसार गैर कोयला आधारित खनिजों की नीलामी का अधिकार दिया है. नये नियम में खनिज संसाधनों का आवंटन ई-नीलामी से करने का प्रावधान है. इससे पहले सभी खनिजों को उत्खनन करने वालों को राज्य सरकार अपने विवेक के आधार पर दे देती थी.

दिसंबर, 2015 में पांच राज्यों ने की थी 31 खनिज ब्लॉकों की नीलामी

नयी खनिज नीति आने के बाद दिसंबर, 2015 में देश के पांच राज्य गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड तथा छत्तीसगढ़ ने 31 खनिज ब्लॉकों के लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. वहीं, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा ओड़िशा को सरकार ने नीलामी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया था. इसके पहले 27 दिसंबर, 2015 को सीईसी की हुई बैठक में खान सचिव बलविंदर कुमार ने इस बात का उल्लेख किया था कि खनिज नीलामी प्रक्रिया में कुछ राज्य पीछे चल रहे हैं.

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