कोलकाता : दूरसंचार क्षेत्र की प्रख्यात कंपनियों में शुमार एयरसेल में कार्यरत कर्मचारियों पर छंटनी का खतरा मंडरा रहा है. कंपनी ने फिलहाल छंटनी के तहत करीब सात सौ कर्मचारियों को पिंक कार्ड थमा दिया है. बताया यह जा रहा है कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र के व्यापार में कमी आने के कारण यह कंपनी अपने कारोबार को समेटने की फिराक में कर्मचारियों की छंटनी करने का मन बनाया है. इस समय भारत में एयरसेल में करीब आठ हजार कर्मचारी काम करते हैं.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, विशेषज्ञों और इस उद्योग के कार्यकारियों के बीच इस बात पर मतभेद है कि विलय की वजह से कई नौकरियां जायेंगी, लेकिन बड़े पैमाने पर छंटनी से कोई इनकार भी नहीं कर सकता है. दूरसंचार कंपनियों के राजस्व का 4 से 4.5 फीसदी कर्मचारियों पर खर्च होता है, लेकिन इसकी असल चोट बिक्रीऔर वितरण पर पड़ेगी. एक कंपनी के मानव संसाधन अधिकारी ने बताया कि बड़ी कंपनियों में आमदनी की 22 फीसदी तक बिक्री और वितरण लागत है. सेक्टर की आमदनी सालाना 1.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिससे कर्मचारियों पर खर्च के रूप में करीब 34,000-35,000 करोड़ रुपये बैठता है.
इस क्षेत्र के एक अन्य मानव संसाधन विभाग के प्रमुख ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्यालय और सर्कल ऑफिस में काम करने वालों पर छंटनी की तलवार लटक रही है. उन्होंने बताया कि इससे 10,000-25,000 लोगों की नौकरी पर गाज गिर सकती है. वहीं, जो लोग परोक्ष रूप से उद्योग से जुड़े हैं, वैसे प्रभावित लोगों की संख्या 1 लाख तक पहुंच सकती है. मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि दूरसंचार क्षेत्र के कर्मचारी कंपनियों की ओर से आश्वासन मिलने के बावजूद नौकरी को लेकर भयभीत हैं.
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