नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की बैठक कल उदयपुर में हो रही है जिसमें माडल जीएसटी कानून के मसौदे को अंतिम रूप दिये जाने की संभावना है. इसके साथ ही बैठक में मुनाफाखोरी-निरोधक उपबंध का अंतिम मसौदा तैयार किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो कि कम करों का फायदा उपभोक्ताओं तक भी पहुंचे.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली इस परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं. परिषद ‘कृषि’ व ‘खेतीहर’ की परिभाषा को अंतिम रूप देगी और ‘राष्ट्रीय जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण’ का संविधान बनायेगी. यह न्यायाधिकरण विवादों के निपटान का काम करेगा.
विधि मंत्रालय ने माडल जीएसटी कानून का मसौदा व मंजूरशुदा भाषा भेज दी है. इसमें यह रेखांकित किया गया है कि वस्तु व सेवाओं पर नया राष्ट्रीय बिक्री कर कैसे लागू होगा. विधि मंत्रालय द्वारा मंजूरशुदा मसौदे व भाषा पर परिषद की एक उपसमिति ने आज चर्चा की.
मंजूरशुदा मसौदे को कल परिषद की दसवीं बैठक में रखा जाएगा जोकि उदयपुर में हो हरी है. अधिकारियों का कहना है कि सरकार माडल जीएसटी कानून को संसद के अगले महीने बहाल होने वाले बजट सत्र में ही पेश करना चाहती है. सरकार नयी कर प्रणाली को एक जुलाई से लागू करना चाहती जिसके लिए उसे केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून तथा एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) काननू को संसद में पारित करवाना होगा.
इसी तरह प्रत्येक राज्य विधानसभा को राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) कानून को पारित करना होगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.