मुंबई: म्यूचुअल फंड उद्योग को इस कैलेंडर वर्ष की समाप्ति तक अपने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) का आंकडा 20 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है. म्यूचुअल फंड उद्योग इसके लिये व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) को लेकर काफी उत्साहित हैं. कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियों का मानना है कि SIP में यह वृद्धि 15 सबसे बडे शहरों से आ रही है. वहीं कुछ अन्य का कहना है कि SIPका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. ऐसे में उन्हें भरोसा है कि उद्योग इस साल के अंत तक 20 लाख करोड़ रुपये के एयूएम के आंकडे को हासिल कर लेगा. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में म्यूचुअल फंड उद्योगों का एयूएम 17.4 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 12.7 लाख करोड़ रुपये था.
इस प्रकार पिछले एक साल के दौरान इसमें 36.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. फिलहाल, 27,000 करोड़ रुपये के एयूएम वाली डीएचएफएल प्रामेरिका म्यूचुअल फंड का कहना है कि पिछले नौ महीने में उसका सिप 35 से 40 प्रतिशत की दर से बढ रहा है. डीएचएफएल प्रामेरिका म्यूचुअल फंड के मुख्य कार्यकारी सुरेश सोनी ने गत सप्ताहांत यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘पिछले नौ महीने के दौरान हमारा एसआईपी 35 से 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. हम 15 बड़े शहरों से काफी अधिक भागीदारी देख रहे हैं.’ उद्योग द्वारा 20 लाख करोड रुपये के आंकडे के पास पहुंचने के बारे में उन्होंने कहा कि उद्योग के समक्ष मौजूद अवसर काफी उत्साहवर्द्धक हैं
एडलवेइस म्यूचुअल फंड भी SIP पर बडा दांव लगा रही है. 7,000 करोड रुपये के एयूएम के साथ फिलहाल यह कंपनी 25वें स्थान पर है. एडलवेस एएमसी की मुख्य कार्यकारी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘‘हम अगले दो से तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये का एयूएम हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इसमें SIP और प्रीपेड सिप दोनों शामिल हैं.’ प्रीपेड सिप के तहत निवेशकों को बाजार में गिरावट का लाभ लेने का अवसर मिलता है जो कि नियमित सिप में नहीं मिलता. उद्योग की 20 लाख करोड़ रुपये के आंकडे को पार करने की महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि ऐसे समय जबकि म्यूचुअल फंड उद्योग की पहुंच सिर्फ तीन से चार प्रतिशत है, यदि हम साल के अंत तक 20 लाख करोड़ रुपये के आंकडे को पार कर जाते हैं तो यह हैरान करने वाली बात नहीं होगी
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