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महाराष्ट्र में सात किलोमीटर समंदर के नीचे से भी गुजरेगी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन

मुंबई : मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन के ट्रैक का निर्माण कार्य की कवायद तेज कर दी गयी है. उम्मीद यह लगायी जा रही है कि इस साल के अंत तक इस परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी जायेगी. अभी हाल ही में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू करने […]

मुंबई : मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन के ट्रैक का निर्माण कार्य की कवायद तेज कर दी गयी है. उम्मीद यह लगायी जा रही है कि इस साल के अंत तक इस परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी जायेगी. अभी हाल ही में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू करने को लेकर नीति आयोग की ओर से समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें यह बताया गया है कि इस परियोजना के कुछ हिस्से पर काम शुरू कर दिया गया है.

बैठक में ही बात का भी खुलासा किया गया है कि महाराष्ट्र में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के रूट पर करीब सात किलोमीटर तक लाइन समुद्र के अंदर से गुजरेगी. बताया यह भी जा रहा है कि समुद्र के अंदर सुरंग बनाने के लिए जमीन की खुदाई कर मृदा परीक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है. हालांकि, इससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. बीते दिनों नीति आयोग की ओर से की गयी समीक्षा बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के अलावा जापान के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे.

बैठक में परियोजना के काम में तेजी लाने और शीघ्रता से पर्यावरण मंजूरी लेने पर भी चर्चा की गयी. परियोजना को लेकर नीति आयोग की ओर से आयोजित चौथी बैठक के बाद एक अधिकारी ने बताया कि परियोजना से संबंधित सामान्य परामर्शदाता ने दिसंबर, 2016 से कार्य की शुरुआत कर दी है. उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना के अगले चरण में पर्यावरणीय प्रभावों के अध्ययन (ईआईए) का काम शुरू किया जायेगा. साल के अंत में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ईबे के भारत दौरे के दौरान इस परियोजना के काम की शुरुआत के लिए भूमि पूजन किया जायेगा. इसके दो साल बाद वर्ष 2018 के दिसंबर तक इसके निर्माण कार्य की शुरुआत होने की उम्मीद है और 2023 के अंत तक इस रूट पर बुलेट ट्रेन का सफर शुरू किया जा सकेगा.

गौरतलब है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 508 किलोमीटर लंबी लाइन का निर्माण किया जाना है. इस लाइन पर करीब 350 किलोमीटर प्रति घंटे या 320 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से इस दूरी को तय करने में दो घंटे का समय लगेगा. इस परियोजना के निर्माण कार्य पूरा होने में करीब 97,636 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. बताया यह भी जा रहा है कि लागत राशि में से करीब 81 फीसदी राशि जापान सरकार 0.1 फीसदर ब्याज पर उपलब्ध करायेगी.

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