जियो को टक्कर देने के लिए आरकॉम-एयरसेल का दामन थाम सकती है टाटा
नयी दिल्ली : मुकेश अंबानी की जियो इन्फोकॉम को टक्कर देने के लिए न केवल वोडाफोन और आइडिया में विलय होगा, बल्कि टाटा टेलीसर्विसेज, आरकॉम-एयरसेल और एमटीएस में भी विलय का समझौता हो सकता है. अगर दूरसंचार क्षेत्र की इन कंपिनयों का आपस में विलय हो जाता है, तो इन सबके मिलाकर बनने वाली कंपनी […]
नयी दिल्ली : मुकेश अंबानी की जियो इन्फोकॉम को टक्कर देने के लिए न केवल वोडाफोन और आइडिया में विलय होगा, बल्कि टाटा टेलीसर्विसेज, आरकॉम-एयरसेल और एमटीएस में भी विलय का समझौता हो सकता है. अगर दूरसंचार क्षेत्र की इन कंपिनयों का आपस में विलय हो जाता है, तो इन सबके मिलाकर बनने वाली कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी बन जायेगी. अभी तक कयास यह लगाया जा रहा था कि वोडाफोन इंडिया और आइडिया का आपस में विलय होने के बाद बनने वाली कंपनी एयरटेल को पछाड़कर देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जायेगी. इसके बाद दूसरे स्थान पर एयरटेल का नंबर आयेगा और अब यदि टाटा टेलीसर्विसेज के साथ समझौता हो जाता है, तो टाटा-आरकॉम को मिलाकर तीसरी बड़ी कंपनी बन जायेगी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की ओर से मोबाइल उपभोक्ताओं को मुफ्त में डाटा और वॉयस कॉल की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के बाद दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों में इस समय मूल्य को लेकर युद्ध छिड़ा हुआ है. इस क्षेत्र की प्राय: हर कंपनियों मुकेश अंबानी वाली जियो को टक्कर देने के लिए नये प्लान की घोषणा के साथ एक दूसरे के साथ करार करने में जुटी हुई हैं. समझा यह जा रहा है कि टाटा टेलीसर्विसेज और आरकॉम के बीच का यह समझौता भी उसी का एक हिस्सा है.
टाटा टेली का 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज सौदे में फंसा रहा है पेंच
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, माना जा रहा है कि रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने टाटा संस के नवनियुक्त चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से इस मुद्दे पर बातचीत के लिए संपर्क किया है. एक सूत्र ने बताया कि अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. टाटा टेली पर 30,000 करोड़ का कर्ज इस सौदे की राह में एक बड़ी बाधा है. उन्होंने बताया कि इस सौदे के लिए एनटीटी डोकोमो के टाटा टेली से निकलने के कानूनी विवाद को भी सुलझाना जरूरी है. वहीं बताया यह भी जा रहा है कि आरकॉम को कर्ज देने वाले एसबीआई, एयरसेल और टाटा टेलीसर्विसेज इसके समेकन पर जोर दे रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आरकॉम-एयरसेल के साथ विलय के लिए टाटा टेली का कर्ज बड़ा मुद्दा होगा. सही मायने में देखा जाये, तो आरकॉम-एयरसेल पर भी उतना ही कर्ज है.
बैलेंस शीट की सफाई करने में जुटी है टाटा
टाटा संस अपनी टेलीकॉम कंपनी की बैलेंस शीट की सफाई करने की कोशिश में जुटी हुई है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी अपनी टेलीकॉम यूनिट की बैलेंस शीट की सफाई करने के लिए उसमें 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है. टाटा टेली ने अधिकृत पूंजी को दोगुना करके 40,000 करने की मंजूरी भी ले ली है.
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