नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रीयल इस्टेट कंपनी यूनिटेक को उसके फ्लैटों के खरीदारों को आठ हफ्ते के अंदर पैसा लौटाने का आदेश दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि कंपनी 39 फ्लैटों के खरीदारों द्वारा जमा करायी गयी 16.55 करोड़ रुपये की मूल राशि पर 14 फीसदी ब्याज की दर से आठ हफ्तों में पैसा जमा कराये. इसके साथ ही अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि ब्याज की राशि की गिनती एक जनवरी, 2010 से की जायेगी और उस हिसाब से राशि का भुगतान करना होगा.
निवेशकों का पैसा वापस करने के मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को आदेश जारी करते हुए कहा कि कंपनी आठ हफ्ते के अंदर अपने निवेश का पैसा अदालत की रजिस्टरी में जमा करा दे. इसके साथ ही, अदालत ने रजिस्टरी को आदेश देते हुए यह भी कहा कि रजिस्टरी कंपनी की ओर से भुगतान की गयी राशि में से 90 फीसदी राशि फ्लैट के खरीदारों में वितरित कर दे.
मामला समय पर गुड़गांव स्थित यूनिटेक के विस्टा सोसायटी प्रोजेक्स से जुड़ा हुआ है. जिन लोगों ने गुड़गांव के सेक्टर-70 में बन रही विस्टा सोसायटी में फ्लैट बुक कराये थे, कंपनी ने उन्हें निर्धारित समय पर फ्लैट मुहैया नहीं कराये. कंपनी के कई बार घर देने के अपने वादे से मुकरने के बाद खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. उस समय मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा था. कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था.
सोमवार को एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूनिटेक को 16.55 करोड रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिये हैं और साथ ही यह भी कहा कि 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराना होगा. सुप्रीम कोर्ट अब यह तय करेगा कि ब्याज कितना देना होगा. यह ब्याज फ्लैट खरीदारों को कंपनी में जमा करायी गयी धनराशि के अनुपात में दिया जायेगा. मामले की अगली और अंतिम सुनवाई तीन अप्रैल को की जाएगी.
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