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चंद्रशेखरन ने संभाली टाटा समूह की बागडोर, कहा – अनुयायी नहीं बनना, अगुवाई करनी है

मुंबई : एन. चंद्रशेखर ने आज टाटा समूह की बागडोर संभाल ली. उन्होंने समूह की धारक कंपनी टाटा संस के चेयरमैन का कार्यभार संभाला है. चंद्रशेखर ने समूह की कंपनियों में अनुशासनबद्ध पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न का वादा किया. उन्होंने कंपनी शेयरधारकों से कहा कि वे ‘अनुयायी नहीं, अगुवा बनें.’ चंद्रशेखरन ने कार्यभार संभालने […]

मुंबई : एन. चंद्रशेखर ने आज टाटा समूह की बागडोर संभाल ली. उन्होंने समूह की धारक कंपनी टाटा संस के चेयरमैन का कार्यभार संभाला है. चंद्रशेखर ने समूह की कंपनियों में अनुशासनबद्ध पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न का वादा किया. उन्होंने कंपनी शेयरधारकों से कहा कि वे ‘अनुयायी नहीं, अगुवा बनें.’ चंद्रशेखरन ने कार्यभार संभालने के बाद कहा, ‘हम मिलकर अपने कारोबार के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये काम करेंगे, हम सबसे आगे होंगे. किसी का अनुसरण नहीं करेंगे.’

चंद्रशेखर समूह के पहले गैर-प्रवर्तक, गैर-पारसी व गैर शेयरधारक चेयरमैन हैं. वह लंबे समय तक समूह की प्रमुख कंपनी टीसीएस के प्रमुख रहे. इस अवसर पर उन्होंने पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी राय रखी. उन्होंने कहा, ‘हम समूह में सभी व्यापार प्रमुखों के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि पूंजी आवंटन व शेयरधारक रिटर्न में अनुशासन आए.’

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 24 अक्तूबर को समूह के तत्कालीन चेयरमैन साइरस मिस्त्री को अचानक पद से हटा दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि टाटा संस में 66 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्टों को समूह कंपनियों की ओर से जाने वाले लाभांश में कमी, मिस्त्री की अचानक निकासी की एक वजह थी.

मिस्त्री के बाद रतन टाटा (79) ने अंतरिम चेयरमैन के रूप में समूह की बागडोर एक बार फिर संभाली. टाटा समूह के मुख्यालय ‘बांबे हाउस’ के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुये चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हम सबसे आगे होंगे. किसी का अनुसरण नहीं करेंगे.’

चंद्रशेखर ने नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में कार्यरत 103 अरब डालर के टाटा समूह के चेयरमैन का कार्यभार संभालने के मौके पर उपस्थित संवाददाताओं से कहा, ‘यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिये सौभाग्य और सम्मान की बात है. मैं अपनी इस नयी भूमिका में आने वाले वर्षों में समूह की सेवा के लिये तैयार हूं, इसके लिये मैं सभी का समर्थन चाहता हूं ताकि हम सभी मिलकर काम कर सकें.’

जानिए टाटा समूह के नये चैयरमैन एन चंद्रशेखरन के बारे में

टाटा संस के नये चेयरमैन ने अपना काम शुरू करते हुये बांबे हाउस में टाटा संस निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की. चंद्रशेखरन तीन दशक से टीसीएस से जुड़े हैं. इस दौरान उन्होंने टीसीएस को देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी बनाने में काफी योगदान किया. उनके नेतृत्व में टीसीएस समूह की सबसे बेशकीमती कंपनी बन गई.

चंद्रशेखरन (53 वर्ष) आज सुबह सवा नौ बजे टाटा संस के मुख्यालय पहुंचे और कुछ ही मिनटों में रतन टाटा और निदेशक मंडल के अन्य सदस्य भी वहां पहुंच गये. चंद्रशेखरन ने इससे पहले कल टीसीएस के निदेशक मंडल की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरों की 16,000 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी पुनर्खरीद योजना की घोषणा की.

चंद्रशेखरन ने ऐसे समय में टाटा संस के चेयरमैन का कार्यभार संभाला है जब समूह में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से अचानक हटाये जाने के बाद वाद-विवाद का दौर चल रहा है. मिस्त्री ने समूह की कार्यप्रणाली और रतन टाटा के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाये हैं. हालांकि, टाटा ने सभी आरोपों को खारिज किया है.

रतन टाटा के अंतरिम चेयरमैन रहते साइरस मिस्त्री को समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से और अंत में समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल से भी हटा दिया गया.

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