एफडीआई मंजूरी के लिये मानक प्रक्रिया तय करेगा रिजर्व बैंक

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी के लिये मंत्रालयों के लिए मानक प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर सकता है. सरकार ने एफआईपीबी को समाप्त करने का निर्णय किया है और इसके बाद अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर निर्णय संबंधित मंत्रालय ही करेंगे. संवेदनशील क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मंजूरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2017 4:26 PM

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी के लिये मंत्रालयों के लिए मानक प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर सकता है. सरकार ने एफआईपीबी को समाप्त करने का निर्णय किया है और इसके बाद अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्तावों पर निर्णय संबंधित मंत्रालय ही करेंगे. संवेदनशील क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मंजूरी के लिये नियम स्थापित करने के प्रस्ताव पर हाल में अंतर-मंत्रालयी बैठक में चर्चा हुई. फिलहाल यह सरकार की मंजूरी के अंतर्गत आता है.

सूत्रों के अनुसार बैठक में कई विकल्पों पर चर्चा हुई. व्यापार सुगमता में और सुधार लाने के लिये सरकार ने विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड समाप्त करने और विदेशी निवेश प्रस्तावों की शीघ्रता से मंजूरी के लिये एक नयी व्यवस्था गठित करने का निर्णय किया है. एफआईपीबी को समाप्त करने पर एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी अब मंत्रालय और संबंधित नियामकीय प्राधिकरण के पाले में होगी. सूत्रों के अनुसार अंतर-मंत्रालयी समिति ने एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी के साथ लाइसेंस देने की संभावना पर भी चर्चा की.

रक्षा और दूरसंचार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जिन कंपनियों के पास लाइसेंस होगा, वे ही विदेशी निवेश की मंजूरी मांग सकते हैं. दूरसंचार मंत्रालय का उदाहरण देते हुए सूत्रों ने कहा कि सरकार एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी देने की शक्ति उसी मंत्रालय को दे सकती है.
उसने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक से प्रत्येक मंत्रालया के लिये मानक परिचालन नियाम तैयार करने का अनुरोध किया जा सकता है. पाकिस्तान और बांग्लादेश से एफडीआई प्रस्तावों पर विचार करके उस पर सुझाव देने का काम गृह मंत्रालय को मिल सकता है.” सरकार ने एक समिति गठित की है, जो इन मुद्दों पर विचार कर रही है. इसमें रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि हैं. समिति दो महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है.

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