जीएसटी को लेकर अधिकारियों को दिया गया डेडलाइन, 31 मार्च तक काम पूरा करने का आदेश
नयी दिल्ली : राजस्व विभाग ने उत्पाद एवं सेवा करदाताओं के नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को अपनाने की ओर धीमी रफ्तार पर ‘गहरी चिंता’ जताई है और जमीनी स्तर पर करदाताओं के साथ जुडे अधिकारियों से इस प्रक्रिया को 31 मार्च तक पूरा करने को कहा है. इसके अलावा सीबीईसी ने क्षेत्रीय […]
नयी दिल्ली : राजस्व विभाग ने उत्पाद एवं सेवा करदाताओं के नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को अपनाने की ओर धीमी रफ्तार पर ‘गहरी चिंता’ जताई है और जमीनी स्तर पर करदाताओं के साथ जुडे अधिकारियों से इस प्रक्रिया को 31 मार्च तक पूरा करने को कहा है.
इसके अलावा सीबीईसी ने क्षेत्रीय मुख्य आयुक्तों से इस बारे में आठ मार्च से साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है. जनवरी के शुरु मेंसीबीईसी ने अपने फील्ड अधिकारियों से सभी मौजूदा केंद्रीय उत्पाद एवं सेवा करदाताओं को 31 जनवरी, 2017 तक जीएसटी पोर्टल पर स्थानांतरित करने को कहा था.
सीबीईसी ने कहा, ‘‘यह गंभीर चिंता की बात है. ज्यादातर राज्यों-संघ शासित प्रदेशों में नई व्यवस्था में स्थानांतरण का आंकडा 50 से 90 प्रतिशत के बीच है. वहीं सीबीईसी के जरिये केंद्रीय उत्पाद शुल्क मामले में यह मात्र 2.94 प्रतिशत और सेवा कर क्षेत्र मेंमात्र 8.22 प्रतिशत ही है.’ केंद्रीय उत्पाद शुल्क करदाताओं के मामले में जीएसटी व्यवस्था की तरफ बढने की प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरु हुई थी, वहीं सेवाकर दाताओं के मामले में यह 9 फरवरी से शुरु हुई.
सीबीईसी ने फील्ड अधिकारियों से कहा है कि वे करदाताओं से फोन-ईमेल के जरिये संपर्क कर अपने अस्थायी जीएसटी आईडी को सक्रिय करें ओर उन्हें नइ व्यवस्था में जाने के लिए बिना देरी किये प्रोत्साहित करें. सीबीईसी ने कहा, ‘‘हम सभी फील्ड कार्यालयों से स्थानीय भाषा में और संगोष्ठियों और प्रशिक्षण के लिए कहेंगे जिससे करदाताओं को 31 मार्च तक इस व्यवस्था में लाया जा सके. इसके अलावा स्थानीय समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, एफएम रेडियो चैनलों में स्थानीय भाषा में विज्ञापन दिए जाएं जिससे अधिक पहुंच सुनिश्चित हो सके.
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