चीन ने 2017 के लिये जीडीपी वृद्धि लक्ष्य 6.5 फीसदी तय किया

बीजिंग : दुनिया की दूसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था चीन ने 2017 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का वृद्धि दर लक्ष्य आज घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया जो कि पिछले 25 साल में सबसे कम है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ली क्विंग ने आने वाले साल में और अधिक जटिल वैश्विक परिदृश्य के प्रति आगाह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2017 10:54 AM

बीजिंग : दुनिया की दूसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था चीन ने 2017 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का वृद्धि दर लक्ष्य आज घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया जो कि पिछले 25 साल में सबसे कम है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ली क्विंग ने आने वाले साल में और अधिक जटिल वैश्विक परिदृश्य के प्रति आगाह किया है. चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी)_ के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए क्विंग ने कहा ‘‘चीन वास्तविक आर्थिक कार्य में बेहतर परिणाम देगा.’ सरकारी रपट के अनुसार, ‘चीन ने 2017 के लिए लगभग 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है. 2016 में यह लक्ष्य 6.5-7 प्रतिशत के दायरे में था.’ शिन्हुआ संवाद समिति का कहना है कि यह तय लक्ष्य 25 साल में सबसे कम है. इससे पहले 1992 में 6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर का लक्ष्य रखा गया था.

रपट के अनुसार प्रस्तावित लक्ष्य आर्थिक सिद्धांतों व वास्तविकताओं के अनुरूप है. इससे बाजार में स्थिरता लाने तथा देश के ढांचागत समायोजनों में मदद मिलेगी.इसमें कहा गया है कि इससे सभी लिहाज से एक आधुनिक समृद्ध समाज के निर्माण को पूरा करने में योगदान होगा. ली ने 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर के लक्ष्य का बचाव करते हुए कहा कि चीन के लिए सतत वृद्धि को कायम रखना जरूरी है जिससे रोजगार सुनिश्चित हो और लोगों का जीवन स्तर सुधर सके. इस साल के लिए चीन ने शहरी क्षेत्रों में 1.1 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य रखा है, जो 2016 की तुलना में 10 लाख अधिक है.
उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल में पांच लाख नौकरियों में कटौती की घोषणा की थी और उन्हें अन्य स्थानों पर रोजगार देने का वादा किया है. प्रत्येक साल चीन में 70 लाख स्नातक रोजगार बाजार में आते हैं. रपट के अनुसार, ‘हमारे मजबूत आर्थिक आधार व रोजगार सृजन की हमारी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए यह लक्ष्य कडी मेहनत से ही हासिल किया जा सकेगा’ ली ने कहा कि पार्टी के ताकतवर नेतृत्व की अगुवाई में चीन की जनता में सभी दिक्कतों को पार पाने का साहस व कौशल है.

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