मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी के फैसले पर SBI फिर से करे विचार : सरकार

नयी दिल्‍ली : केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से अपने उस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है जिसके तहत 1 अप्रैल से खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी लगने की बात कही गयी है. सरकार ने एसबीआई के साथ-साथ सभी निजी बैंकों से भी पुनर्विचार करने का आग्रह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2017 6:29 PM

नयी दिल्‍ली : केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से अपने उस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है जिसके तहत 1 अप्रैल से खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनाल्टी लगने की बात कही गयी है. सरकार ने एसबीआई के साथ-साथ सभी निजी बैंकों से भी पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

गौरतलब हो कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पांच साल के अंतराल के बाद फिर से खाते में न्यूनतम राशि नहीं होने पर जुर्माना वसूलने का निर्णय किया है. यह जुर्माना एक अप्रैल से लागू होगा. इसके अलावा बैंक ने एटीएम सहित अन्य सेवाओं के शुल्क में भी बदलाव किया है.

देश के सबसे बड़े बैंक ने महीने में तीन बार बचत खाताधारकों को बिना शुल्क के नकद धन जमा कराने की अनुमति दी है. इसके बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपये का शुल्क और सेवाकर ग्राहकों को देना होगा. चालू खातों के मामले में यह शुल्क अधिकतम 20,000 रुपये भी हो सकता है.
एसबीआई के संशोधित शुल्कों की सूची के अनुसार खातों में मासिक औसत बकाया (एमएबी) रखने में नाकाम रहने पर 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और इस पर सेवाकर भी देय होगा. शहरी क्षेत्र के खाताधारकों के खाते में यदि न्यूनतम राशि 5,000 रुपये का 75 प्रतिशत होगी तो 100 रुपये का शुल्क और सेवाकर जुर्माना स्वरुप देना होगा. यदि यही बकाया न्यूनतम राशि के 50 प्रतिशत अथवा उससे भी कम है तो ऐसी स्थिति में बैंक 50 रुपये और सेवाकर वसूलेगा.
मासिक औसत शेष यानी एमएबी शुल्क बैंक शाखा की जगह के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. ग्रामीण शाखाओं के मामले में यह न्यूनतम रह सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में बैंकों को अनुमति दे दी है. ये शुल्क एक अप्रैल से लागू हो जायेंगे.
स्टेट बैंक ग्राहकों द्वारा इसी प्रकार एक माह में अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी पर 20 रुपये का शुल्क देय होगा और एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा आहरण करने पर हर बार 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.
हालांकि, एसबीआई खुद के एटीएम से तब कोई शुल्क नहीं लगाएगी जबकि संबंधित व्यक्ति के खाते में 25,000 रुपये से अधिक बकाया रहता है. वहीं खाते में एक लाख रुपये से अधिक बकाया रहने पर स्टेट बैंक ग्राहक यदि दूसरे बैंकों के एटीएम से कितनी भी बार निकासी करता है तो कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. डेबिट कार्डधारकों से एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए एसबीआई हर तिमाही 15 रुपये का शुल्क लेगा जो त्रैमासिक आधार पर औसत 25,000 रुपये की बकाया राशि खाते में रखते हैं. बैंक यूपीआई के माध्यम से 1,000 रुपये तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version