नयी दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या ने शुक्रवार को कहा कि वह 9,000 करोड रुपये के रिण चूक मामले में एक-मुश्त निपटान को लेकर बैंकों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं.
माल्या ने ट्विटर पर कहा, कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एक बारगी निपटान के लिये नीतियां हैं. सैकडों कर्जदारों ने अपने रिण का निपटान किया है. आखिर हमें इसकी सुविधा से इनकार क्यों किया जाना चाहिए? हमने उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया. मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिये बातचीत को तैयार हूं.
उन्होंने आगे कहा, कि उम्मीद है कि न्यायालय हस्तक्षेप करेगा और बैंकों तथा हमें मामले का निपटान करने के लिये बातचीत का निर्देश देकर इन चीजों पर विराम लगाएगा. माल्या ने यह भी कहा, कि उन्होंने अदालत के हर आदेश का पालन किया और अब ऐसा लगता है कि सरकार बिना निष्पक्ष सुनवाई के मुझे दोषी ठहराने पर तुली है.
माल्या ने लिखा है, कि उच्चतम न्यायालय में महान्यायवादी द्वारा मेरे खिलाफ आरोप सरकार का मेरे खिलाफ रुख को साबित करता है. आपको बता दें कि माल्या के ऊपर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड रुपये से अधिक बकाया है.
Public Sector Banks have policies for One Time Settlements.Hundreds of borrowers have settled. Why should this be denied to us ?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) March 9, 2017
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