रिलायंस कम्युनिकेशंस, एयरसेल विलय को सेबी व शेयर बाजारों की मंजूरी
नयी दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशंस को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं शेयर बाजार बीएसई एवं एनएसई से अपने वायरलेस कारोबार को अलग कर एयरसेल लिमिटेड में मिलाने की मंजूरी मिल गयी है. रिलायंस ने एक बयान में बताया कि इस संबंध में उसने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ में भी […]
नयी दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशंस को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं शेयर बाजार बीएसई एवं एनएसई से अपने वायरलेस कारोबार को अलग कर एयरसेल लिमिटेड में मिलाने की मंजूरी मिल गयी है. रिलायंस ने एक बयान में बताया कि इस संबंध में उसने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ में भी एक आवेदन किया है.
विलय के बाद बनने वाली नयी कंपनी में रिलायंस और एयरसेल लिमिटेड (मैक्सिस कम्युनिकेशंस बरहाद) के मौजूदा शेयरधारक दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी. इसी के साथ निदेशक मंडल और समिति में भी दोनों का प्रतिनिधित्व समान होगा.
आरकॉम ने कहा कि उसे सेबी, बीएसई और एनएसई से विलय की मंजूरियां प्राप्त हो गयी हैं. कंपनी अपने वायरलेस कारोबार को अलग कर उसका एयरसेल लिमिटेड और डिशनेट वायरलेस लिमिटेड में विलय करेगी. इस प्रस्तावित विलय के लिए कंपनी को अभी कई अन्य मंजूरियां भी लेनी हैं.
उल्लेखनीय है कि रिलायंस ने पिछले साल 14 सितंबर को अपने वायरलेस कारोबार की एयरसेल में विलय की घोषणा की थी. इस विलय के बाद वह देश की चौथी सबसे बडी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी बन जाएगी. नयी कंपनी की सम्पत्तियां 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की और नेट वर्थ 35,000 करोड़ रुपये होगी.
इस विलय के बाद दोनों कंपनियां नयी संयुक्त कंपनी को 14,000 करोड़ रुपये का ऋण हस्तांतरित करेंगी और इस प्रकार नयी कंपनी पर कुल 28,000 करोड़ रुपये का कर्ज होगा. इस विलय से रिलायंस का ऋण बोझ 20,000 करोड़ रुपये और एयरसेल का 4,000 करोड़ रुपये कम होगा.
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