मुंबई : किसानों के ऋण माफ योजना पर एतराज जताते हुए भारतीय स्टेट बैक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि ऐसी योजनाओं से बैंक और कर्ज लेनेवालों के बीच अनुशासन बिगड़ता है.
यूपी के हाल में संपन्न चुनावों में भाजपा ने सत्ता में आने पर राज्य के किसानों के लिए ऋण माफी योजना लाने का वादा किया है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के कार्यक्रम में भट्टाचार्य ने कहा,‘हमारा मानना है कि कर्ज माफी जैसी योजनाओं से हमेशा बैंक और कर्जदार के बीच जो एक अनुशासन बना रहता है वह बिगड़ता है. जिन लोगों को कर्ज माफी मिलती है, उन्हें भविष्य में भी इस तरह की कर्ज माफी मिलने की उम्मीद रहती है.
ऐसे में बाद में भी जो कर्ज दिये जाते हैं, उन्हें भी अदा नहीं किया जाता है. आज हमारे कर्ज वापस मिल जायेंगे, क्योंकि सरकार इनका भुगतान कर देगी लेकिन उसके बाद जो नये कर्ज दिये जायेंगे, उनके मामले में लोग फिर अगले चुनाव की प्रतीक्षा करने लगेंगे कि फिर से कर्ज माफ हो जायेंगे.’
भट्टाचार्य ने कहा कि किसानों की मदद की जानी चाहिए यह महत्वपूर्ण है लेकिन यह काम इस तरह होना चाहिए कि किसानों के बीच ऋण अनुशासन बना रहे. देश के सबसे बड़े बैंक ने ट्रैक्टर ऋण में 6,000 करोड़ की एकबारगी निपटान योजना की घोषणा की थी, ताकि कर्ज वसूली तेज हो सके. बैंक ने शिक्षा और लघु एवं मझोले उद्योगों के ऋणों में इस प्रकार की निपटान योजना की घोषणा की है. कहा,‘हम ऐसे कई अन्य कर्जों में जो लंबे समय से लंबित हैं और लोगों को वहां दिक्कत हैं हम एक बारगी निपटान (ओटीएस) सुविधा देते रहे हैं.’ ओटीएस के बाद इन क्षेत्रों में वसूली अच्छी रही है.
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