चेन्नई : भारत और रूस बुनियादी ढांचा क्षेत्र और प्रौद्योगिकी परियोजनाओं में आपसी निवेश प्रोत्साहन के लिए एक अरब डॉलर का कोष बना रहे हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
सीतारमण ने गुरुवार को यहां इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो (आईईएसएस) में भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश इस कोष में 50-50 करोड़ डॉलर का योगदान करेंगे. रूस का कोष रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के जरिये आएगा, जबकि भारत का योगदान राष्ट्रीय निवेश एवं संरचना कोष (एनआईआईएफ) के जरिये होगा.
सीतारमण ने रूस और भारत द्वारा आपसी आर्थिक संपर्क बढ़ाने तथा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रोत्साहन उपायों पर चर्चा की. इस पहल के तहत भारत-रूस सीईओ फोरम इस साल आपसी सहमति वाली तारीखों पर बैठकों का आयोजन करेगा.
इस फोरम का गठन सेंट पीटर्सबर्ग में जून, 2016 में किया गया था. रूस से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आज की तारीख तक 1.2 अरब डॉलर रहा है, जबकि रूस में भारतीय निवेश 4.9 अरब डॉलर है.
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