सरकार ने महिला बैंक को स्टेट बैंक में मिलाने का किया निर्णय

नयी दिल्ली : सरकार ने भारतीय महिला बैंक को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में मिलाने का निर्णय किया, ताकि महिलाओं तक बेहतर बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई जा सकें. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में इसका औचित्य समझाते हुए कहा है कि स्टेट बैंक समूह के पास पहले ही देशभर में 126 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 12:39 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने भारतीय महिला बैंक को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में मिलाने का निर्णय किया, ताकि महिलाओं तक बेहतर बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई जा सकें. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में इसका औचित्य समझाते हुए कहा है कि स्टेट बैंक समूह के पास पहले ही देशभर में 126 पूर्णतया महिला कर्मचारियों वाली शाखाएं हैं, जबकि महिला बैंक के पास केवल सात शाखाएं ऐसी हैं.

मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह की समान पहुंच बनाने के लिए भारतीय महिला बैंक की प्रशासनिक और प्रबंधकीय लागत बहुत ज्यादा होगी, जबकि इसी लागत के बराबर राशि को एसबीआई के माध्यम से बहुत संख्या में महिलाओं के बीच ऋण के तौर पर बांटा जा सकता है. मंत्रालय ने कहा कि महिलाओं के सस्ते ऋण के साथ ही महिला केंद्रित उत्पादों का तेजी से व्यापक नेटवर्क और कम लागत के कोष पर प्रचार किए जाने की जरूरत है.

मंत्रालय ने बयान में कहा कि सरकार ने भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक के साथ विलय करने का निर्णय किया है, ताकि तेजी से ज्यादा संख्या में महिलाओं बेहतर बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें. अपनी स्थापना के बाद से अब तक तीन साल में महिला बैंक ने महिला ऋणधारकों को केवल 192 करोड़ रुपये का ऋण बांटा है, जबकि इसी अवधि में एसबीआई समूह ने महिलाओं को 46,000 करोड़ रुपये का ऋण बांट दिया है.

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